Saturday, October 5, 2024

जिंदगी दुल्हन है एक रात की!! astrologer Vipin Tiwari

जिंदगी दुल्हन है एक रात की 
कोई नही है मंजिल जिसके अहिवात की 

#मांग भरी शाम को बहारो ने , 
सेज सजी रात चांद तारो ने 

भोर हुई मेहंदी छुटी हाथ की 
जिन्दगि दुल्हन है एक रात की

नईहर है दूर पता पिया का ना गांव 
कही ना पड़ाव कोई कही नहीं छांव 

जाए किधर डोली बारात की 
जिंदगी दुल्हन है एक रात की 

बिना तेल बाती जले उम्र का दीया
बीच धार छोड़ गया निर्दयी पिया 

आंख बनी बदली बरसात की 
जिन्दगि दुल्हन है एक रात की 
__________________________________________

हम हमेशा भूले रहते हैं की हम नश्वर हैं , 
हम ह्रदय से नही मन की गणनाओं से जीते हैं 

इसलिए हमने अपना जीवन यान्त्रिक बना लिया है 
पर
ये शरीर एक विषय मात्र है जो की बीमारियों , क्षय और म्रत्यु तक ही सीमित है और संभवतः हमेशा सुख नही दे सकता 

शरीर केवल अनुभव करने का एक यँत्र है ना की आपकी true identity 

परंतु हमे इसका सम्मान करना चाहिए और इसकी देखभाल भी 
क्यो की ये ही अनुभव और ज्ञान अर्जित करने में सहायक है

पर हम ego के भृम में पड़कर हम आत्मा के शरीर रूपी यँत्र को समय से पहले ही क्षय करते रहते हैं 

हमारे लिए आत्मा से ज्यादा priority सामाजिक दिखावे और माया की हो जाती है l

पूजा पाठ भी हम माया के मोह में आकर करते हैं 

जिसमे (तंत्र विद्यया )को सबसे बेहतर  shortcut माना जाता है 

लेकिन जब हम उग्र देवी या देवता को भी selfish intention यानी निजी लालच के चलते पूजते है तो उनसे हमे कुछ प्राप्त नही होता l

इन दिव्य शक्तियों को हम manupulate नही कर सकते l

समर्पण ही एक मात्र रास्ता है

ज्योतिष के अनुसार 
जन्म कुंडली मे आत्माकारक ग्रह 
और इसकी placement दर्शाती है कि श्री नारायण हमारे लिए क्या चाहते हैं 

आत्मा की बची हुई Desires जिसकी वजह से श्री विष्णु ने आपको फिर से जन्म दिया , जिन्हें पूरा करके वापस आप श्री में वापस लौट जाएं l

मोक्ष की आस में लोग धर्म करते है , भले ही वो अधर्म के धन से किया गया हो 

और मरने के बाद ईश्वरलोक में जाने की कामना करते है

आपकी कुंडली के ग्रहो की स्थिति लग्न और वर्ग कुंडलियों के अनुसार बता रही होती है की आप किस लोक के भागी हैं 

बृहस्पति- देवलोक
चंद्र व शुक्र- पितृलोक 

सूर्य व मंगल - भू लोक

शनि व बुध - नरक लोक ( यानी जानवर या कीट योनि में जीवन मिलेगा)

अक्सर लोगो के सवाल होते हैं की हम परेशान हैं , हमारा मन मुताबिक काम नही हो रहा 

कुंडली मे देखिये क्या चल रहा है?

और कुंडली मे देखने पर कुछ खास पकड़ नही आता 

तो मालूम है इसका अर्थ क्या है?

इसका अर्थ है की प्रष्न करने वाला (क्रियामान ) कर्मो के बुरे असर से गुजर रहा है  l

आत्मा के पुनर्जन्म और आपके साथ बीत रही बुरी घटनाओं के बीच का खेल पुराना है 
इसे चौंसर समझकर  मत खेलिए , क्यो की यहाँ एक बार हारे तो हर बार हारना पड़ेगा l

Saturday, September 21, 2024

ग्रह से संबंधित बीमारी!Remadies for health

"ग्रह व उनसे संबंधित बिमारी व उपाय"
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1 - सूर्य -  पित प्रकृति
  स्वास्थ्य का कारक, हृदय, हड्डिया, दायी आंख ।

सिर में दर्द, गंजापन, हृदय रोग, हड्डियों के रोग, मिर्गी, नेत्र रोग, कुष्ट रोग, पेट की बिमारियां, बुखार, दर्द, जलना, रक्त  संचार में गढ़बड़ी, शस्त्र व गिरने से चोट लगना etc.

2- चंद्रमा - कफ व कुछ वात प्रकृति ।
शरीर से बाहर निकलने वाले तरल, मानसिक स्तर, बायीं आंख ।

मानसिक रोग, क्षय रोग, रक्त संबंधी रोग, कफ तथा खांसी से बुखार, फेफड़ों में पानी भरना, पानी से होने वाली बिमारियां, जल व जलीय वस्तुओं से भय आदि।

स्त्रियों की माहवारी में गड़बड़ी तथा स्त्रियों की प्रजनन प्रणाली के रोग चंद्रमा के कारण होते है । स्त्रियों के स्तन रोग तथा दूध के बहाव का पता भी चंद्रमा से लगाया जाता  है।

"चंद्रमा-मंगल" - स्त्रियों में मासिक धर्म व उसको नियंत्रित करता है।

3- मंगल - पित्त प्रकृति
शरीर में पूर्ति का कारक, सिर, अस्थि, मज्जा, हीमोग्लोबिन, मांसपेशिया, अंर्त गभाँशय ।

दुर्घटना, चोट लगना, शल्य चिकित्सा, जल जाना, खून के रोग, उच्च रक्तचाप, पित्त की थैली में stone, तेज बुखार, चेचक , बवासीर, गभ्रपात, सिर में चोट, लड़ाई में चोट , शस्त्र से चोट व गर्दन से ऊपर के रोग भी मंगल इंगित करता हैं ।

4 - बुध - वात, पित्त और कफ, त्वचा, गला, नाक, फेफड़े, दिमाग का अगला हिस्सा। 

त्वचा संबंधी रोग, मानसिक विचलन, धैर्यहीनता, अभद्र भाषा प्रयोग, बहरापन, कान का बहना, हकलाना, तुतलाना, गूंगापन, नाक-कान-गले के रोग,  श्वेत कुष्ट, नापुसंकता, अचानक गिरना, दु:स्वपन आदि।

4- बृहस्पति - कफ व
रोग का निवारक करने वाला ग्रह, अमाशय, पित्त की थैली, तिल्ली, अग्नाश्य का कुछ भाग, कान का अंदरूनी भाग, शरीर में चर्बी व आलस्य का कारक। लंबी बीमारी, पित्त की थैली के रोग, मोटापा, शुगर, तिल्ली के रोग, कान के रोग, पीलिया आदि।

5- शुक्र - वात व कुछ कफ प्रकृति ।
चेहरा, आंखे, नेत्र ज्योति, यौन क्रियाएं, भोग विलास, वीर्य, मूत्र प्रणाली, किडनी, गुर्दे ।

यह एक जलीय ग्रह है और इसका संबंध शरीर के हार्मोन से है । 

शुक्र यौन विकार, जननांग के रोग तथा मूत्र प्रणाली, चेहरे के रोग, नेत्र रोग, श्वेत कुष्ट रोग, मोतियाबिंद, ऐड्स, नापुसकंता, थायरड, प्रमेह।

7- शनि - वात तथा कुछ कफ प्रकृति ।
यह बहुत धीरे चलने वाला ग्रह है और इस कारण इससे होने होने वाले रोग असाध्य या दीघृ कालिक होते है । 
शनि का अधिकार क्षेत्र टांगे, पैर, नाड़ी, बड़ी आंत का अंतिम भाग, लसिका वाहिनी तथा गुदा है, यह लंबे अवधि वाले रोग कैंसर, गठिया बाय, बवासीर, थकान, पैर के रोग व चोट, पत्थर से चोट लगना आदि

8- राहु - शनि जैसे रोग ( असाध्य रोग ) 

हिचकी, फोबिया, कुष्ट रोग, तव्चा रोग, छाले, उन्माद, सर्प भय, जख्म का ठीक ना होना etc.

* राहु-चंद्र - फोबिया, भय ।

9- केतु - इसकी दशा में बिमारी का पता लगाना मुश्किल है ।

डेंगू, मलेरिया, पेट में कीडे़, स्वाइन फ्लू, वायरल आदि।

 केतु का द्वितीय भाव व बुध से संबंध हो तो जन्मजात रोग, तुतलाना, शल्य चिकित्सा ।

उपाय - 1. प्रतिदिन एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें ।

2. तांबे के पात्र में प्रतिदिन सूर्य को जल दे ।

3. आदित्यहृदय स्रौत का पाठ करें ।

4. बृहस्पति का बीज मंत्र - ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं सं गुरुवे नमः।। इस मंत्र का जाप करे तथा  किसी भी रोग की बिमारी की दवाई को बृहस्पतिवार से लेना शुरू करें क्योंकि बृहस्पतिदेव रोग निवारक ग्रह है ।

5 - लग्न व लग्नेश को मजबूत करें व लग्नेश का रत्न धारण करें । 
( क्योंकि लग्न-लग्नेश हमारी शारीरिक क्षमता को दिखाता है )
साभार~ पं देवशर्मा💐
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Monday, February 7, 2022

वैलेंटाइन डे और आप का राशिफल

वैलेंटाइन डे हर Love  करने वालों के लिए बहुत ही खास होता है इस दिन को Romance का 💕  त्यौहार भी कहते है।  कुछ लोग इस दिन अपने प्यार का इज़हार करते है तो वहीं कुछ लोग अपने प्रेमी के साथ इस दिन को यादगार बनाने के लिए ख़ास तैयारी करते है।♥ 

मेष : इस राशि के जातक बहुत ही आकर्षक और आदर्शवादी होते है । अगर आपका साथी मेष राशि का है तो आप इन्हे इस वैलेंटाइन डे पर किसी संगीत या फिर खेल के कार्यक्रम में ले जाएं।

वृषभ : इस राशि के जातक सौंदर्य और कला प्रेमी प्रेमी होते है।  यही नहीं ये खाने के भी बहुत शौक़ीन होते है इसलिए आप इन्हें बाहर डिनर कराने किसी ख़ास और उनकी पसंद की जगह पर ले जाएं।

मिथुन : मिथुन राशि वालों को सामाजिक प्रसंग में समय बिताने में बहुत ही आनंद आता है। इस वैलेंटाइन डे पर आप अपने पार्टनर का वेलकम फूलों के साथ करें और उन्हें किसी ऐसे जगह ले जाएं जहाँ चारो तरफ नृत्य और गायन हो।

कर्क : इस राशि के जातक बहुत ही भावुक होते है और जब प्यार की बात हो तो इनके लिए भावनाएं सबसे महत्वपूर्ण होती है।  ज़रूरी नहीं है की आप इन्हे महंगे उपहार दें या फिर बाहर ले जाएं। आप साथ रहकर कुछ अच्छे पल बिताकर भी अपना दिन ख़ास बना सकतें है।

सिंह :  इस राशि के जातक में अपने प्रति स्वतंत्रता की भावना रहती है और इन्हे घर के अंदर कैद रहना बिलकुल पसंद नहीं है। अगर आपका पार्टनर सिंह राशि का है तो आप उन्हें बाहर ज़रूर लें जाए। किसी ऐसी जगह जहाँ ख़ास वैलेंटाइन डे के लिए कोई प्रोग्राम आयोजित किया गया हो साथ ही एक रोमांटिक डिनर आपके इस प्रेम के दिन को और भी खास बना देगा।

कन्या : इस राशि के लोग संकोची, शर्मीले और झिझकने वाले होते हैं। आप पहले ही सारी योजना बना लें । कन्या राशि वाले भीड़ पसंद नही करते है बेहतर होगा की आप अपने पार्टनर के साथ उनके पसंद की जगह पर डिनर करें। आपका यह अंदाज उन्हें जरूर भाएगा।

तुला : इनका स्वभाव खुशमिजाज होता है और ये व्यावहारिक भी होते है। इस राशि के जातक प्यार और रोमांस के मामले में बहुत ही मास्टर होते है।  इन्हे कला और गायन का भी शौक होता है इसलिए आप इन्हें किसी कला प्रदर्शनी में ले जाए ।

वृश्चिक :  वृश्चिक राशि वालों में दूसरों को आकर्षित करने की अच्छी क्षमता होती है लेकिन इन्हें इम्प्रेस करना बहुत ही कठिन होता है । इस राशि के लोग भावुक होने के साथ-साथ कामुक भी होते हैं। इनके लिए तोहफा बहुत सोच समझ कर खरीदें क्योंकि ये सिर्फ दिल से दिए हुए उपहार ही स्वीकार करते है। हो सके तो आप इन्हे कहीं बाहर ले जाएं जहाँ आप दोनों कुछ यादगार पल बिता सके।

 धनु : राशि वालों को रोमांच काफी पसंद होता है। ये काफी खुले विचारों के होते हैं। किसी भी प्रकार की बाहरी गतिविधि इन्हें बहुत पसंद है।

मकर :  इनका शाही स्वभाव व गंभीर व्यक्तित्व होता है। इन्हें यात्रा करना बेहद पसंद है। आप इन्हें लॉन्ग ड्राइव पर ले जा सकते है यही नहीं आप इन्हें अपने साथ शॉपिंग या फिर डिनर पर भी जा सकते है। आपका यह सादा अंदाज़ इन्हें ज़रूर भाएगा।

कुंभ : कुंभ राशि वाले लोग व्यवहारकुशल होते हैं। ये स्वंत्रता प्रिय भी होते है।  इन्हे इम्प्रेस करना मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं। अपने प्यार के दिन को स्पेशल बनाने के लिए आप इनके साथ मिलकर योजना बनाए ताकि आपका यह दिन और भी यादगार बन जाए।

मीन :  ये सौंदर्य और रोमांस की दुनिया में रहते हैं। साथ ही ये सादगी में विश्वास रखते है इसलिए आप इनके साथ ऐसी जगह पर समय बिताएं जहाँ सिर्फ आप दोनों हो या फिर आप किसी रोमांटिक कैंडललाइट डिनर पर भी जा सकते है ।

Thursday, January 20, 2022

हल्दी का पानी अमृत........और गुरु गृह मजबूत।

हल्दी का पानी अमृत........और गुरु गृह मजबूत। 

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*पानी में हल्दी मिलाकर पीने से होते है यह 7 फायदें.....*
🙏👏🌹 *इन्हें नोट करके अपने पास रखें! आवश्यकता पङने पर काम आएंगे।*

1. *गुनगुना हल्दी वाला पानी पीने से दिमाग तेज होता है. सुबह के समय हल्दी का गुनगुना पानी पीने से दिमाग तेज और उर्जावान बनता है*.

2. *रोज यदि आप हल्दी का पानी पीते हैं तो इससे खून में होने वाली गंदगी साफ होती है और खून जमता भी नहीं है. यह खून साफ करता है और दिल को बीमारियों से भी बचाता है.*
🙏👏🌹
3. *लीवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नही है. हल्दी के पानी में टाॅक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है. हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं.*
🙏👏🌹
4. *हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए. हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है. जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है.*
🙏👏🌹
5. *जब हल्दी के पानी में शहद और नींबू मिलाया जाता है तब यह शरीर के अंदर जमे हुए विषैले पदार्थों को निकाल देता है जिसे पीने से शरीर पर बढ़ती हुई उम्र का असर नहीं पड़ता है. हल्दी में फ्री रेडिकल्स होते हैं जो सेहत और सौंदर्य को बढ़ाते हैं.*
🙏👏🌹
6. *शरीर में किसी भी तरह की सजून हो और वह किसी दवाई से ना ठीक हो रही हो तो आप हल्दी वाला पानी का सेवन करें. हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है जो सूजन और जोड़ों में होने वाले असाहय दर्द को ठीक कर देता है. सूजन की अचूक दवा है हल्दी का पानी.*
🙏👏🌹
7. *कैंसर खत्म करती है हल्दी. हल्दी कैंसर से लड़ती है और उसे बढ़ने से भी रोक देती है. हल्दी एंटीकैंसर युक्त होती है. यदि आप सप्ताह में तीन दिन हल्दी वाला पानी पीयेंगे तो आप भविष्य में कैंसर से हमेशा बचे रहेगें.👏*

निवेदन है कि इस संदेश को अधिकतम गुरुप में पोस्ट करने का कष्ट करे  ।
आचार्य विपिन तिवारी 
👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏

Sunday, January 2, 2022

जाने कैसा होगा 2022 में आपकी सेक्स लाइफ

नया साल 2022 सभी के जीवन में ढेर सारी उम्मीदें लेकर आया है। सभी यह सोचते हैं कि बीते साल जो हमारे काम अधूरे रह गए हैं, वे आने वाले नए साल में जरूर पूरे हों। नए साल पर करियर में एक नया मुकाम हासिल हो, जीवन में पैसे से संबंधित सभी तरह की बाधाएं आने वाले साल में न रहें और अपनों का प्यार नए साल में मिलता रहे ऐसी उम्मीदें रखते हैं। हम सभी लोगों के मन में आने वाले नए साल में नौकरी, बिजनेस, धन-दौलत, ऐशोआराम, शिक्षा, प्यार और सेहत कैसा रहेगा, इस बात को जानने की उत्सुकता हमेशा रहती है |

Sex

 जानते हैं कि साल 2022 में Sex  का रिश्ता  एक दूसरे के प्रति मजबूती की ओर बढ़ेगा या फिर किसी तरह की रूकावट आएगी। वहीं जो जातक वैवाहिक जीवन में है उनके लिए यह साल कैसा रहने वाला है।  जीवनसाथी के प्रति संबंध पहले से मजबूत होगा या कोई मनमुटाव रहेगा। आइए जानते है साल 2022 आपके लव राशिफल में क्या लेकर आया है।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों को इस साल Sex  में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। प्रेम कारक बुध ग्रह और शुक्र  साथ युक्त होकर दशम भाव में विराजमान होने से आप अपने पार्टनर के साथ खूबसूरत पल बिता पाएंगे। आप दोनों को एक दूसरे से बहुत उम्मीदें हैं जिनके पूरा न होने से आप थोड़े खिन्न भी हो सकते हैं। आपको अपने प्रेमी से बहुत बड़ी चीजों की कामना नहीं करनी चाहिए। विवाहितों को अपने संगी की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए और उनसे कोई भी बात छुपानी नहीं चाहिए जिससे कि उनकी सेक्स लाइफ इस वर्ष बहुत अच्छी रहे। वहीं जो लोग अभी तक सिंगल हैं उन्हें भी इस साल अपना Sex partner  मिल सकता है। इस साल आपको अपने लवमेट को गिफ्ट देने चाहिए, इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा।

वृषभ राशि

इस साल वृषभ राशि के जातकों को  Sex के मार्ग पर संभल कर चलने की जरुरत है।  इस साल अपने प्रेमी के साथ सामंजस्य बिठाएं और उनके अनुसार चलने की कोशिश करें। छोटी-छोटी बातों को लेकर इस साल आपको झगड़ना नहीं चाहिए इसकी वजह से आपको मानसिक परेशानी हो सकती है। यदि मई माह से लेकर सितंबर माह तक आप अपने अहम को दूर रखते हैं और छोटी-छोटी बातों पर नहीं उलझते हैं तो आपके Sex life  जीवन को इस साल ऊंचाईयां मिल सकती हैं। अप्रैल माह के मध्य के बाद राहु का गोचर होना वह मेष राशि में प्रवेश होने से आपके और आपके प्रेमी के बीच रिश्ता मज़बूत बनेगा। आप एक दूसरे के साथ समय बिताएंगे और रिश्ते में ईमानदार रहेंगे। आपको प्रेम में कुछ सीमाओं का ध्यान रखना होगा जैसे कि प्राइवेट पार्ट में प्रॉब्लम आ सकते हैं और अपने साथी के विश्वास को बनाए रखना होग |

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातक साल 2022 के आरंभ में Sex  संबंधी हर समस्या का समाधान निकाल पाएंगे। आप अपने लवमेट  को अपनी बुद्धिमता से खुश कर सकते हैं और उनके मन में उत्पन्न होने वाले शक को भी दूर कर सकते हैं। इस साल Sex के  रंग फिजाओं में बिखरे रहेंगे और आप अपने संगी के साथ समय बिताने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। स्थान परिवर्तन होने से काम में यदि आप ज्यादा व्यस्त रहे तो आपका प्रेमी आपसे नाराज हो सकता है। इसकी वजह से आप दोनों के बीच झगड़ा होने की भी आशंका है। आपको शांति से अपने प्रेमी को समझाने की जरुरत है। अगर आप अपने प्रेमी के साथ विवाह के बंधन में बंधना चाहते हैं तो अगस्त और दिसंबर के माह में यह शुभ काम कर सकते हैं। 

कर्क राशि

इस साल आप अपने अंदर बने हुए  Sex के डर को दूर करके अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर सकते हैं और अपने कदम आगे बढ़ा सकते हैं। साल की शुरुआत में आपकी राशि में सूर्य बुध व शनि की पूर्ण दृष्टिपात होने से Sex में परेशानियां हो सकती है। 17 मई से लेकर नवंबर के अंतिम चरण तक बृहस्पति ग्रह का मीन राशि में विचरण करने से आप अपने प्रेम प्रेमिका के प्रति बहुत अच्छा रहेगा जिसके कारण आप उनके साथ अच्छा समय व्यतीत कर पाएंगे और आप दोनों के बीच Sex or  रोमांस की अधिकता रहेगी। नवविवाहितों को अपने जीवनसाथी में एक अच्छा दोस्त नजर आएगा, जिससे आपके रिश्ते में खूबसूरती आएगी। आप अपने जीवनसाथी पर विश्वास करते हैं तो उनसे अपनी निजी बातें शेयर करें और उनसे सलाह ले 

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए यह अच्छा साल रहने वाला है।  इस साल आपको अपने प्रियजन को पर्याप्त समय देने की जरुरत है, आपको उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए। आपके जीवन में लंबे समय से चल रहे प्यार में सुधार दिख सकता है। वहीं कुछ लोग नया Sex  रिश्ता बना सकते हैं। अगर आप किसी रिश्ते में हैं और इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं तो आपको पुरानी गलतियों को दोहराने से बचना चाहिए। आप इस साल अपने प्रियजन से भावनात्मक रुप से जुड़ सकते हैं। इस साल के मध्य से लेकर अंत तक का समय उन जातकों के लिए सुखद रहेगा जो किसी रिश्ते में हैं। 

कन्या राशि

साल की शुरुआत में आपका प्रेम जीवन के लिए कष्टकारी बन सकती है। परंतु आपका प्रेमी इस समय आपके समर्थन में खड़ा रहेगा और आपके हर फैसले को मानेगा। प्रियजन के साथ आपके अच्छे संबंधों के कारण आप उनके और करीब आ सकते हैं।  देखा जाए तो यह साल प्रेम प्रेमिकाओं के जीवन के लिए अच्छा रहने वाला है परंतु साल के मध्य में थोड़ी बहुत मन मुटाव जैसी स्थितियां बन सकती है। विवाहितों को  इस साल अपनी जिंदगी में आपके साथी के प्रभाव का एहसास होगा। आप दांपत्य जीवन में बंधने का विचार भी कर सकते हैं।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों को इस साल अपने जिद्दी स्वभाव पर भी आपको नियंत्रण रखने की जरुरत है क्योंकि इससे आपका पार्टनर आपसे दूर हो सकता है। खासकर इसका अधिक प्रभाव आपको अप्रैल माह के अंतिम चरण तक देखने को मिलेगा। आपको अपने प्रियजन को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश नही करनी चाहिए ऐसा करने से  रिश्ता खराब हो सकता है। अगर आप अपने प्रेमी या प्रेमिका से शादी करना चाहते हैं तो यह साल इसके लिए अच्छा है। यदि आप अपने प्रेम जीवन में उमंग बरकरार रखना चाहते हैं तो अपने साथी को थोड़ा स्पेस दें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिये यह साल मिलाजुला रहेगा। साल की शुरुआत में आपके प्रियजन के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा। प्रेम में विश्वास बढ़ेगा व आप किसी नई योजना की ओर अपने को अग्रसर भी कर सकते हैं। पूरे साल के परिदृश्य में देखा जाए तो प्रेम जीवन में कुछ अच्छे क्षण भी इस साल अवश्य आएँगे। प्रेम जीवन में जो परेशानियां बार-बार आती हैं उनसे पार पाने के लिए इस साल आपको थोड़ा अलग तरीके से सोचना होगा। दाम्पत्य जीवन में  शक और निराशा की स्थिति को दूर करने के लिए आपको इस साल कुछ बड़े निर्णय लेने पड़ सकते हैं। 

धनु राशि

धनु राशि वालों का प्रेम जीवन इस साल की शुरुआत में अच्छा है।आपके प्रेम के रिश्ते में नई ऊंचाईयां आएंगी।  मई माह के अंतिम चरण में शुक्र ग्रह का पंचम भाव पर राहु के साथ युक्त होने से आप खुद को अपने संगी के बहुत करीब पाएंगे। धनु राशि के कुछ जातक इस दौरान अपने पार्टनर से शादी की बात कर सकते हैं। हालांकि आपको शादी का निर्णय लने से पहले अच्छी तरह से सोच विचार कर लेना चाहिए। अगर कोई संदेह हो तो अपने प्रेमी से बात करके उसे दूर करें। कुल मिलाकर देखा जाए तो आप एक अच्छे प्रेमी हैं और आपका संगी आपसे संतुष्ट रहता है। इस साल भी यह संतुष्टि का भाव आपके संगी के मन में रहेगी।

मकर राशि

प्रेम राशिफल 2022 बताता है कि प्यार के मामले में आपकी राशि में शनि ग्रह का होना साल की शुरुआत में मकर राशि वालों के लिए अच्छा रहने वाला है। इस राशि के जो जातक अभी तक प्यार के एहसास से अछूते थे उन्हें अप्रैल माह के उत्तरार्ध में शनि का गोचर होते ही उनके जीवन में कोई खास इस साल मिल सकता है। वहीं कुछ जातक इस साल शादी के बंधन में भी बंध सकते हैं। आप अपने प्रेमी को शादी के लिये कहते हैं तो आपको सकारात्मक जवाब मिलने के पूरे आसार हैं। इस पूरे वर्ष प्रेमी जातकों के बीच प्रेम और समर्पण का भाव बना रहेगा। वहीं जो जातक अपने संगी से दूर रहते हैं उनके प्रेम में भी इस साल गहराई आ सकती है, दूरियों का आप पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों को साल की शुरुआत से लेकर अप्रैल माह के पूर्वार्द्ध तक प्रेम जीवन में मिलेजुले परिणाम मिलने की संभावना नजर आ रही है। इस साल आपको प्रेम जीवन को बेहतर बनाने के लिये अधिक प्रयास करने की तरफ इशारा कर रहा है और धीरे धीरे से आपके प्रेम में मजबूती व आप एक होने में सक्षम रहेंगे। इस साल के जून माह से लेकर अक्टूबर माह तक सकारात्मक पहलू देखने को मिलेंगे।  huiदिसंबर के अंत तक आप अपने जीवनसाथी की भावनाओं को समझ पाएंगे और विवाह के प्रति निर्णय लेकर विवाह के बंधन में बंध सकते हैं।

मीन राशि

इस साल के मध्य में आपको प्रेम जीवन में सुधार देखने को मिलेगा। विवाहित अपने जीवनसाथी को पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे।  प्रेम जीवन में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। अप्रैल माह के बाद से लेकर साल के अंत तक आपके बीच में चल रहे तनाव झगड़े दूर होंगे। छोटी-छोटी बातों पर चल रहा तनाव दूर होगा। इस दौरान आपको अपने आपको दांपत्य जीवन के रूप में स्वीकारने का अवसर भी प्राप्त होगा। नई जोड़ों के लिए इस समय एक दूसरे को पूर्ण समय देने का फल मिलेगा।



Tuesday, November 16, 2021

Guru Rashi Parivartan 2021: #गुरु का कुंभ राशि में परिवर्तन

Guru Ka Rashi Parivartan 2021: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति शिक्षा क्षेत्र, ज्ञान-विज्ञान, शोधपरक कार्य, प्रवचनकर्ता, धर्म तथा अध्यात्म से जुड़े क्षेत्र, बैंकिंग सेक्टर, लेखन, प्रकाशन तथा संपादन के कार्य में अग्रणी भूमिका निभाते हैं

20 नवंबर को #गुरु के राशि परिवर्तन का समय
ज्योतिष में गुरु को सबसे शुभ ग्रह माना गया है। इसके शुभ प्रभाव से अशुभता भी शुभता में बदल जाती है। बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर की यात्रा समाप्त करके 20 नवंबर की मध्य रात्रि 11 बजकर 17 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि पर ये 13 अप्रैल 2022 तक गोचर करेंगे उसके बाद मीन राशि में चले जाएंगे। धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति का राशि परिवर्तन पृथ्वी वासियों पर सर्वाधिक असर कारक रहता है। 

मेष राशिफल (Aries Horoscope)- गुरु का राशि परिवर्तन आपके लिए मिलाजुला फल लेकर आ रहा है. गुरु आपके दांपतत्य जीवन में खुशियां भर सकते हैं. धर्म-कर्म के कार्यों में रूचि बढ़ सकती है. इस गोचर काल में आलस को त्याग कर अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रयास करने होंगे. नकारात्मक विचारों से बचें. व्यापार में लाभ हो सकता है, लेकिन अधिक परिश्रम करना होगा. नई जॉब की तलाश में हैं तो ये तलाश पूरी हो सकती है.


वृषभ राशिफल (Taurus Horoscope)- गुरु का राशि परिवर्तन आपके लिए विशेष है. इस दौरान कार्य स्थल पर सावधानी बरतनी होगी. तनाव और विवाद की स्थिति भी बन सकती है. इन स्थितियों से बचने का प्रयास करें. जीवन साथी के साथ संबंध प्रभावित हो सकते हैं. वाणी की मधुरता बनाए रखें. यदि कोई पुराना रोग है तो लापरवाही न बरतें. 


मिथुन राशिफल (Gemini Horoscope)- गुरु का राशि परिवर्तन आपके मान सम्मान में वृद्धि करने जा रहा है. इस दौरान आपको प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त होगा. इन अवसरों को लाभ में बदलने का भी प्रयास करें. घर-परिवार के लोगों का सहयोग प्राप्त होगा. घर के वरिष्ठ लोगों का स्नेह मिलेगा. जॉब और व्यापार में लाभ की स्थिति बन सकती है. इस दौरान लक्ष्यों को पूरा करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त कर सकते हैं.


कर्क राशिफल (Cancer Horoscope)- गुरु का राशि परिवर्तन कुछ मामलों में विशेष सावधानी बरतने के लिए कह रहा है. इस दौरान सेहत का ध्यान रखें. जीवन शैली को अनुशासित बनाने का प्रयास करें. धन के मामले में सतर्क रहें. हानि हो सकती है. मानसिक परेशानियां बढ़ सकती है. सकारात्मक रहने का प्रयास करें. गलत विचार और गलत संगत से दूर रहें. भ्रम की स्थिति न बनने दें.

  • सिंह राशिफल (Leo Horoscope)- सूर्य का गोचर आपके लिए महत्वपूर्ण है. इस दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा. सूर्य का गोचर आपके तीसरे भाव में होने जा रहा है. इस गोचर काल में ऊर्जा की कमी महसूस कर सकते हैं. किसी जिम्मेदारी के पद पर हैं तो सहयोगियों के साथ शालीनता से पेश आएं. अधिकारों का दुरुपयोग न करें, नहीं तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. टारगेट को पूरा करने में दिक्कत आ सकती है. धैर्य बनाए रखें. क्रोध और अहंकार से दूर रहने का प्रयास करें. छवि को बेहतर बनाने का प्रयास करें. सेहत का ध्यान रखें.
  • कन्या राशिफल (Virgo Horoscope)- धन की बचत के मामले में सूर्य का गोचर कुछ परेशानी दे सकता है. सूर्य का राशि परिवर्तन आपके खर्चों में वृद्धि कर सकता है. इस दौरान खर्चों पर ध्यान देना होगा. आय से अधिक धन का व्यय मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है. धैर्य बनाए रखें. इस दौरान किसी की बुराई न करें, इसके चलते हानि भी उठानी पड़ सकती है. वाणी को मधुर बनाने की कोशिश करें. विवाद की स्थिति से बचें.
  • तुला राशिफल (Libra Horoscope)- कार्य की अधिकता रहेगी. सूर्य का राशि परिवर्तन कुछ मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है. इस दौरान धन के मामले में सफलता मिल सकती है. यदि किसी नए प्रोजेक्ट का आरंभ करना चाहते हैं तो इसमें सफलता मिल सकती है, लेकिन जल्दबाजी की स्थिति से बचें. महत्वपूर्ण कार्य को करने से पहले जानकार लोगों की सलाह अवश्य लें. लेनदेन में सावधानी बरतें. 
  • वृश्चिक राशिफल (Scorpio Horoscope)- सूर्य का गोचर आपकी राशि में हो रहा है, इस कारण इस गोचर का सबसे अधिक प्रभाव आपकी राशि पर देखने को मिलेगा. सूर्य का राशि परिवर्तन आपको साहसी बनायेगा. इस दौरान बड़े निर्णय ले सकते हैं. वृश्चिक राशि में केतु पहले से ही विराजमान है. सूर्य और केतु की युति जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारण भी बन सकती है. जॉब को लेकर कोई जोखिम न उठाएं. गलत ढंग से धन प्राप्त करने की कोशिश न करें. गलत संगत का भी त्याग करें.
  • धनु राशिफल (Sagittarius Horoscope)- सूर्य का गोचर आपके लिए कुछ मामलों में विशेष होने जा रहा है. सूर्य का राशि परिवर्तन यात्राओं का योग बना रहा है. लंबी यात्राएं करने का अवसर प्राप्त हो सकता है. आंखों से जुड़ी परेशानी हो सकती है. सेहत के मामले में विशेष सावधानी बरतनी होगा. आय से अधिक धन का व्यय परेशानी और चिंता का कारण बन सकता है. सूर्य का गोचर स्वयं पर ध्यान देने के लिए भी प्रेरित करेगा. 
  • मकर राशिफल (Capricorn Horoscope)- सूर्य का राशि परिवर्तन आपके लिए कुछ चीजों में शुभ होने जा रहा है. मान सम्मान में वृद्धि हो सकती है. प्रमोशन की स्थिति का निर्माण होगा. लोगों को आकर्षित करने में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. नए कार्यों को आरंभ कर सकते हैं. शिक्षा, करियर के क्षेत्र में अच्छे फल प्राप्त हो सकते हैं. प्रेम संबंध प्रभावित हो सकते हैं.
  • कुंभ राशिफल (Aquarius Horoscope)- सेहत के मामले में लापरवाही न बरतें. जॉब और करियर को लेकर अच्छे समाचार प्राप्त हो सकते हैं. नौकरी की तलाश में है तो इस दौरान नौकरी की तलाश पूरी हो सकती है. कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने की स्थिति बनेगी. जॉब और व्यापार में लोगों का सहयोग प्राप्त होगा. लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी होगी.
  • मीन राशिफल (Pisces Horoscope)- कार्य को पूरा करने में बाधा आ सकती है. इस दौरान धैर्य बनाए रखें. आलस आदि से दूर रहे हैं. लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है. जीवन साथी का सहयोग प्राप्त होगा. घर के किसी सदस्य की सेहत परेशान कर सकती है. इस दौरान यात्राएं करनी पड़ सकती हैं. धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी.

Friday, October 22, 2021

करवा चौथ का व्रत, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, चांद निकलने का समय और सामग्री सूची

करवा चौथ का व्रत, शुभ मुहूर्त, चांद निकलने का समय और सामग्री सूची

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ पर्व मनाया जाता है। करवा चौथ का व्रत सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत खास होता है। मान्यतानुसार इस दिन अगर सुहागिन महिलाएं व्रत-उपवास रखें तो उनके पति की आयु लंबी होती है और गृहस्थ जीवन सुखी रहता है। चांद निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत को संपन्न करती हैं। इस व्रत में सायंकाल के समय शुभ मुहूर्त में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है।

सामग्री सूची

1. चंदन
2. शहद
3. अगरबत्ती
4. पुष्प
5. कच्चा दूध
6. शकर
7. शुद्ध घी
8. दही
9. मिठाई
10. गंगाजल
11. कुंकुम
12. अक्षत (चावल)
13. सिंदूर
14. मेहंदी
15. महावर
16. कंघा
17. बिंदी
18. चुनरी
19. चूड़ी
20. बिछुआ
21. मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन
22. दीपक
23. रुई
24. कपूर
25. गेहूं
26. शकर का बूरा
27. हल्दी
28. पानी का लोटा
29. गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी
30. लकड़ी का आसन
31. चलनी
32. आठ पूरियों की अठावरी
33. हलुआ
34. दक्षिणा के लिए पैसे


करवा चौथ 2021 पूजन के शुभ मुहूर्त-
इस बार करवा चौथ 24 अक्टूबर, दिन रविवार को सुबह 03.01 मिनट से चतुर्थी तिथि प्रारंभ होकर सोमवार, 25 अक्टूबर 2021 को सुबह 05.43 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। इस दिन करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5.43 मिनट से 6.59 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार रोहिणी नक्षत्र को बेहद शुभ माना जाता है और इस वर्ष शुभ संयोग बन रहा है क्योंकि करवा चौथ का चांद रोहिणी नक्षत्र में निकलेगा।
करवा चौथ व्रत पारण और चंद्रोदय टाइम- अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में बदलाव हो सकता है। इस दिन 08.07 मिनट पर चांद के दर्शन हो सकते हैं। उसके बाद करवा चौथ व्रत का पारण किया जाएगा।

चंद्रमा को अर्घ्य देने का मंत्र-

करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा। ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥
इति मन्त्रेण करकान्प्रदद्याद्विजसत्तमे। सुवासिनीभ्यो दद्याच्च आदद्यात्ताभ्य एववा।।
एवं व्रतंया कुरूते नारी सौभाग्य काम्यया। सौभाग्यं पुत्रपौत्रादि लभते सुस्थिरां श्रियम्।।

Tuesday, October 19, 2021

माता के सभी भक्तों के लिए मां तारा रानी की कथा सभी भक्तों से ध्यान से पढ़ें और इसे आगे शेयर करें जय माता दी ।

*तारा रानी की कथा*

माता के जगराते में महारानी तारा देवी की कथा कहने व सुनने की परम्‍परा प्राचीन काल से चली आई है।

बिना इस कथा के जागरण को सम्‍पूर्ण नहीं माना जाता है, यद्यपि पुराणों या ऐतिहासिक पुस्‍तकों में कोई उल्‍लेख नहीं है – तथापि माता के प्रत्‍येक जागरण में इसको सम्मिलित करने का परम्‍परागत विधान है।

कथा इस प्रकार है

राजा स्‍पर्श मां भगवती का पुजारी था, दिन रात महामाई की पूजा करता था । मां ने भी उसे राजपाट, धन-दौलत, ऐशो-आराम के सभी साधन दिये था, कमी थी तो सिर्फ यह कि उसके घर में कोई संतान न थी, यही गम उसे दिन-रात सताता, वो मां से यही प्रार्थना करता रहता था कि मां मुझे एक लाल बख्‍श दो, ताकि मैं भी संतान का सुख भोग सकूं, मेरे पीछे भी मेरा नाम लेने वाला हो, मेरा वंश भी चलता रहे, मां ने उसकी पुकार सुन ली, एक दिन मां ने आकर राजा को स्‍वप्‍न में दर्शन दिये और कहा है, हे राजन, मैं तेरी भक्ति से बहुत प्रसन्‍न हूं, और तुझे वरदान देती हूं कि तेरे घर में दो कन्‍याएं जन्‍म लेंगी।
कुछ समय के बाद राजा के घर में एक कन्‍या ने जन्‍म लिया, राजा ने अपने राज दरबारियों को बुलाया, पण्डितों व ज्‍योतिषों को बुलाया और बच्‍ची की जन्‍म कुण्‍डली तैयार करने का हुक्‍म दिया।
पण्डित तथा ज्‍योतिषियों ने उस बच्‍ची की जन्‍म कुण्‍डली तैयार की और कहा हे राजन, यह कन्‍या तो साक्षात देवी है। यह कन्‍या जहां भी कदम रखेगी, वहां खुशियां ही खुशियां होंगी। यह कन्‍या भी भगवती की पुजारिन होगी, उस कन्‍या का नाम तारा रखा गया, थोड़े समय बाद राजा के घर वरदान के अनुसार एक और कन्‍या ने जन्‍म लिया। मंगलवार का दिन था, पण्डितों और ज्‍योतिषियों ने जब जन्‍म कुण्‍डली तैयार की तो उदास हो गये, राजा ने उदासी का करण पूछा तो वे कहने लगे, महाराज यह कन्‍या आपके लिये शुभ नहीं है, राजा ने उदास होकर ज्‍योतिषियों से पूछा कि मैने ऐसे कौन से बुरे कर्म किये हैं जो कि इस कन्‍या ने मेरे घर में जन्‍म लिया है, उस समय ज्‍योतिषियों ने अपनी ज्‍योतिष लगाकर बताया, कहने लगे कि ये दोनो कन्‍याएं जिन्‍होंने आपके घर में जन्‍म लिया है, पिछले जन्‍म में राजा इन्‍द्र की अप्‍सराएं थीं, इन्‍होंने सोचा कि हम भी मृत्‍युलोक में भ्रमण करें तथा देखें कि मृत्‍युलोक पर लोग किस तरह रहते हैं, दोनो ने मृत्‍युलोक पर आ एकादशी का व्रत रखा, बड़ी बहन का नाम तारा था, छोटी बहन का नाम रूक्‍मन, बड़ी बहन तारा ने अपनी छोटी बहन से कहा कि रूक्‍मन आज एकादशी का व्रत है, हम लोगों ने आज भोजन नहीं खाना, तू बाजार जाकर फल ले आ, रूक्‍मन बाजार फल लेने के लिये गई, वहां उसने मछली के पकोड़े बनते देखे। उसने अपने पैसों के तो पकोड़े खा लिये तथा तारा के लिये फल लेकर वापस आ गई, फल उसने तारा को दे दिये, तारा ने पूछा कि तू अपने लिये फल क्‍यों नहीं लाई, तो रूक्‍मन ने बताया कि उसने मछली के पकोड़े खा लिये हैं।
उसी वक्‍त तारा ने शाप दिया, जा नीच, तूने एकादशी के दिन मांस खाया है, नीचों का कर्म किया है, जा मैं तुझे शाप देती हूं, तू नीचों की जून पाये। छिपकली बनकर सारी उम्र मांस ही ‘कीड़े-मकोड़े’ खाती रहे, उसी शहर में एक ऋषि गुरू गोरख अपने शिष्‍यों के साथ रहते थे, उनके शिष्‍यों में एक चेला तेज स्‍वभाव का तथा घमण्‍डी था, एक दिन वो घमण्‍डी शिष्‍य पानी का कमण्‍डल भरकर खुले स्‍थान में, एकान्‍त में, जाकर तपस्‍या पर बैठ गया, वो अपनी तपस्‍या में लीन था, उसी समय उधर से एक प्‍यासी कपिला गाय आ गई, उस ऋषि के पास पड़े कमण्‍डल में पानी पीने के लिए उसने मुंह डाला और सारा पानी पी गई, जब कपिता गाय ने मुंह बाहर निकाला तो खाली कमण्‍डल की आवाज सुनकर उस ऋषि की समाधि टूटी। उसने देखा कि गाय ने सारा पानी पी लिया था, ऋषि ने गुस्‍से में आ उस कपिला गाय को बहुत बुरी तरह चिमटे से मारा, वह गाय लहुलुहान हो गई, यह खबर गुरू गोरख को मिली, उन्‍होंने जब कपिला गाय की हालत देखी तो उस ऋषि को बहुत बुरा-भला कहा और उसी वक्‍त आश्रम से निकाल दिया, गुरू गोरख ने गाय माता पर किये गये पाप से छुटकारा पाने के लिए कुछ समय बाद एक यज्ञ रचाया, इस यज्ञ का पता उस शिष्‍य को भी चल गया, जिसने कपिला गाय को मारा था, उसने सोचा कि वह अपने अपमान का बदला जरूर लेगा, यज्ञ शुरू हो गया, उस चेले ने एक पक्षी का रूप धारण किया और चोंच में सर्प लेकर भण्‍डारे में फेंक दिया, जिसका किसी को पता न चला, एक छिपकली ‘जो पिछले जन्‍म में तारा देवी की छोटी बहन थी, तथा बहन के शाप को स्‍वीकार कर छिपकली बनी थी’ सर्प का भण्‍डारे में गिरना देख रही थी, उसे त्‍याग व परोपकार की शिक्षा अब तक याद थी, वह भण्‍डारा होने तक घर की दीवार पर चिपकी समय की प्रतीक्षा करती रही, कई लोगो के प्राण बचाने हेतु उसने अपने प्राण न्‍योछावर कर लेने का मन ही मन निश्‍चय किया, अब खीर भण्‍डारे में दी जाने वाली थी, बांटने वालों की आंखों के सामने वह छिपकली दीवार से कूदकर कढ़ाई में जा गिरी, नादान लोग छिपकली को बुरा-भला कहते हुये खीर की कढ़ाई को खाली करने लगे, उन्‍होंने उसमें मरे हुये सांप को देखा, तब सबको मालूम हुआ कि छिपकली ने अपने प्राण देकर उन सबके प्राणों की रखा की है, उपस्थित सभी सज्‍जनों और देवताओं ने उस छिपकली के लिए प्रार्थना की कि उसे सब योनियों में उत्‍तम मनुष्‍य जन्‍म प्राप्‍त हो तथा अन्‍त में वह मोक्ष को प्राप्‍त करे, तीसरे जन्‍म में वह छिपकली राजा स्‍पर्श के घर कन्‍या जन्‍मी, दूसरी बहन ‘तारा देवी’ ने फिर मनुष्‍य जन्‍म लेकर तारामती नाम से अयोध्‍या के प्रतापी राजा हरिश्‍चन्‍द्र के साथ विवाह किया।
राजा स्‍पर्श ने ज्‍योतिषियों से कन्‍या की कुण्‍डली बनवाई ज्‍योतिषियों ने राजा को बताया कि कन्‍या आपके लिये हानिकारक सिद्ध होगी, शकुन ठीक नहीं है, अत: आप इसे मरवा दीजिए, राजा बोले लड़की को मारने का पाप बहुत बड़ा है, मैं उस पाप का भार नहीं बन सकता।
तब ज्‍योतिषियों ने विचार करके राय दी, हे राजन । आप एक लकड़ी के सन्‍दूक में ऊपर से सोना-चांदी आदि जड़वा दें, फिर उस सन्‍दूक के भीतर लड़की को बन्‍द करके नदी में प्रवाहित कर दीजिए, सोने चांदी से जड़ा हुआ सन्‍दूक अवश्‍य ही कोई लालच से निकाल लेगा, और आपकी हत्‍या कन्‍या को भी पाल लेगा, आपको किसी प्रकार का पाप न लगेगा, ऐसा ही किया गया और नदी में बहता हुआ सन्‍दूक काशी के समीप एक भंगी को दिखाई दिया वह सन्‍दूक को नदी से बाहर निकाल लाया।
उसने जब सन्‍दूक खोला तो सोने-चांदी के अतिरिक्‍त अत्‍यन्‍त रूपवान कन्‍या दिखाई दी, उस भंगी के कोई संतान नहीं थी, उसने अपनी पत्‍नी को वह कन्‍या लाकर दी तो पत्‍नी की प्रसन्‍नता का ठिकाना न रहा, उसने अपनी संतान के समान ही बच्‍ची को छाती से लगा लिया, भगवती की कृपा से उसके स्‍तनो में दूध उतर आया, पति-पत्‍नी दोनो ने प्रेम से कन्‍या का नाम ‘रूक्‍को’ रख दिया, रूक्‍को बड़ी हुई उसका विवाह हुआ। रूक्‍को की सास महाराजा हरिश्‍चन्‍द्र के घर सफाई आदि का काम करने जाया करती थी, एक दिन वह बीमार पड़ गई, रूक्‍को महाराजा हरिश्‍चन्‍द्र के घर काम करने के लिये पहुंच गई, महाराज की पत्‍नी तारामती ने जब रूक्‍को को देखा तो वह अपने पूर्व जन्‍म के पुण्‍य से उसे पहचान गई, तारामती ने रूक्‍को से कहा – हे बहन, तुम मेरे यहां निकट आकर बैठो, महारानी की बात सुनकर रूक्‍को बोली- रानी जी, मैं नीच जाति की भंगिन हूं, भला मैं आपके पास कैसे बैठ सकती हूं ।
तब तारामती ने कहा – बहन, पूर्व जन्‍म में तुम मेरी सगी बहन थी, एकादशी का व्रत खंडित करने के कारण तुम्‍हें छिपकली की योनि में जाना पड़ा जो होना था सो हो चुका, अ‍ब तुम अपने इस जन्‍म को सुधारने का उपाय करो तथा भगवती वैष्‍णों माता की सेवा करके अपना जन्‍म सफल बनाओ, यह सुनकर रूक्‍को को बड़ी प्रसन्‍नता हुई और उसने उपाय पूछा, रानी ने बताया कि वैष्‍णों माता सब मनोरथों को पूरा करने वाली हैं, जो लोग श्रद्धापूर्वक माता का पूजन व जागरण करते हैं, उनकी सब मनोकाना पूर्ण होती है ।
रूक्‍को ने प्रसन्‍न होकर माता की मनौती करते हुये कहा – हे माता, यदि आपकी कृपा से मुझे एक पुत्र प्राप्‍त हो गया तो मैं भी आपका पूजन व जागरण करवाऊंगी । माता ने प्रार्थना को स्‍वीकार कर लिया, फलस्‍वरूप दसवें महीने उसके गर्भ से एक अत्‍यन्‍त सुन्‍दर बालक ने जन्‍म लिया, परन्‍तु दुर्भाग्‍यवश रूक्‍को को माता का पूजन-जागरण कराने का ध्‍यान न रहा। जब वह बालक पांच वर्ष का हुआ तो एक दिन उसे माता (चेचक) निकल आई । रूक्‍को दु:खी होकर अपने पूर्वजन्‍म की बहन तारामती के पास आई और बच्‍चे की बीमारी का सब वृतान्‍त कह सुनाया। तब तारामती ने कहा – तू जरा ध्‍यान करके देख कि तुझसे माता के पूजन में कोई भूल तो नहीं हुई । इस पर रूक्‍को को छह वर्ष पहले की बात याद आ गई। उसने अपराध स्‍वीकार कर लिया, उसने फिर मन में निश्‍चय किया कि बच्‍चे को आराम आने पर जागरण अवश्‍य करवायेगी ।
भगवती की कृपा से बच्‍चा दूसरे दिन ही ठीक हो गया। तब रूक्‍को ने देवी के मन्दिर में ही जाकर पंडित से कहा कि मुझे अपने घर माता का जागरण करना है, अत: आप मंगलवार को मेरे घर पधार कर कृतार्थ करें।
पंडित जी बोले – अरी रूक्‍को, तू यहीं पांच रूपये दे जा हम तेरे नाम से मन्दिर में ही जागरण करवा देंगे तू नीच जाति की स्‍त्री है, इसलिए हम तेरे घर में जाकर देवी का जागरण नहीं कर सकते। रूक्‍को ने कहा – हे पंडित जी, माता के दरबार में तो ऊंच- नीच का कोई विचार नहीं होता, वे तो सब भक्‍तों पर समान रूप से कृपा करती हैं। अत: आपको कोई एतराज नहीं होना चाहिए। इस पर पंडित ने आपस में विचार करके कहा कि यदि महारानी तुम्‍हारे जागरण में पधारें तब तो हम भी स्‍वीकार कर लेंगे।
यह सुनकर रूक्‍को महारानी के पास गई और सब वृतान्‍त कर सुनाया, तारामती ने जागरण में सम्मिलित होना सहर्ष स्‍वीकार कर लिया, जिस समय रूक्‍को पंडितो से यह कहने के लिये गई महारानी जी जागरण में आवेंगी, उस समय सेन नाई वहां था, उसने सब सुन लिया और महाराजा हरिश्‍चन्‍द्र को जाकर सूचना दी ।
राजा को सेन नाई की बात पर विश्‍वास नहीं हुआ, महारानी भंगियों के घर जागरण में नहीं जा सकती, फिर भी परीक्षा लेने के लिये उसने रात को अपनी उंगली पर थोड़ा सा चीरा लगा लिया जिससे नींद न आए ।
रानी तारामती ने जब देखा कि जागरण का समय हो रहा है, परन्‍तु महाराज को नींद नहीं आ रही तो उसने माता वैष्‍णों देवी से मन ही मन प्रार्थना की कि हे माता, आप किसी उपाय से राजा को सुला दें ताकि मैं जागरण में सम्मिलित हो सकूं ।
राजा को नींद आ गई, तारामती रोशनदान से रस्‍सा बांधकर महल से उतरीं और रूक्‍को के घर जा पहुंची। उस समय जल्‍दी के कारण रानी के हांथ से रेशमी रूमाल तथा पांव का एक कंगन रास्‍ते में ही गिर पड़ा, उधर थोड़ी देर बाद राजा हरिश्‍चन्‍द्र की नींद खुल गई। वह भी रानी का पता लगाने निकल पड़ा। उसने मार्ग में कंगन व रूमाल देखा, राजा ने दोनो चीजें रास्‍ते से उठाकर अपने पास रख लीं और जहां जागरण हो रहा था, वहां जा पहुंचा वह एक कोने में चुपचाप बैठकर दृश्‍य देखने लगा।
जब जागरण समाप्‍त हुआ तो सबने माता की अरदास की, उसके बाद प्रसाद बांटा गया, रानी तारामती को जब प्रसाद मिला तो उसने झोली में रख लिया।
यह देख लोगों ने पूछा आपने प्रसाद क्‍यों नहीं खाया ?
यदि आप न खाएंगी तो कोई भी प्रसाद नहीं खाएगा, रानी बोली- तुमने प्रसाद दिया, वह मैने महाराज के लिए रख लिया, अब मुझे मेरा प्रसाद दे दें, अबकी बार प्रसाद ले तारा ने खा लिया, इसके बाद सब भक्‍तों ने मां का प्रसाद खाया, इस प्रकार जागरण समाप्‍त करके, प्रसाद खाने के पश्‍चात् रानी तारामती महल की तरफ चलीं।
तब राजा ने आगे बढ़कर रास्‍ता रोक लिया, और कहा- तूने नीचों के घर का प्रसाद खा अपना धर्म भ्रष्‍ट कर लिया, अब मैं तुझे अपने घर कैसे रखूं ? तूने तो कुल की मर्यादा व प्रतिष्‍ठा का भी ध्‍यान नहीं रखा, जो प्रसाद तू अपनी झोली में मेरे लिये लाई है, उसे खिला मुझे भी तू अपवित्र करना चाहती है।
ऐसा कहते हुऐ जब राजा ने झोली की ओर देखा तो भगवती की कृपा से प्रसाद के स्‍थान पर उसमें चम्‍पा, गुलाब, गेंदे के फूल, कच्‍चे चावल और सुपारियां दिखाई दीं यह चमत्‍कार देख राजा आश्‍चर्यचकित रह गया, राजा हरिश्‍चन्‍द्र रानी तारा को साथ ले महल लौट आए, वहीं रानी ने ज्‍वाला मैया की शक्ति से बिना माचिस या चकमक पत्‍थर की सहायता के राजा को अग्नि प्रज्‍वलित करके दिखाई, जिसे देखकर राजा का आश्‍चर्य और बढ़ गया।
रानी बोली – प्रत्‍यक्ष दर्शन पाने के लिऐ बहुत बड़ा त्‍याग होना चाहिए, यदि आप अपने पुत्र रोहिताश्‍व की बलि दे सकें तो आपको दुर्गा देवी के प्रत्‍यक्ष दर्शन हो जाएंगे। राजा के मन में तो देवी के दर्शन की लगन हो गई थी, राजा ने पुत्र मोह त्‍याग‍कर रोहिताश्‍व का सिर देवी को अर्पण कर दिया, ऐसी सच्‍ची श्रद्धा एवं विश्‍वास देख दुर्गा माता, सिंह पर सवार हो उसी समय प्रकट को गईं और राजा हरिश्‍चन्‍द्र दर्शन करके कृतार्थ हो गए, मरा हुआ पुत्र भी जीवित हो गया।
चमत्‍कार देख राजा हरिश्‍चन्‍द्र गदगद हो गये, उन्‍होंने विधिपूर्वक माता का पूजन करके अपराधों की क्षमा मांगी।
इसके बाद सुखी रहने का आशीर्वाद दे माता अन्‍तर्ध्‍यान हो गईं। राजा ने तारा रानी की भक्ति की प्रशंसा करते हुऐ कहा हे – तारा तुम्‍हारे आचरण से अति प्रसन्‍न हूं। मेरे धन्‍य भाग, जो तुम मुझे पत्‍नी रूप में प्राप्‍त हुई।
आयुपर्यन्‍त सुख भोगने के पश्‍चात् राजा हरिश्‍चन्‍द्र, रानी तारा एवं रूक्‍मन भंगिन तीनों ही मनुष्‍य योनि से छूटकर देवलोक को प्राप्‍त हुये।
माता के जागरण में तारा रानी की कथा को जो मनुष्‍य भक्तिपूर्वक पढ़ता या सुनता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, सुख-समृद्धि बढ़ती है, शत्रुओं का नाश होता है।
इस कथा के बिना माता का जागरण पूरा नहीं माना जाता है।
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Sunday, October 10, 2021

शनि 11 अक्टूबर से बदलेंगे चाल, 9 राशियों की चमकेगी किस्मत, जानें किसे होगा नुकसान

 ज्योतिष शास्त्र में अत्यधिक चर्चित हैं। शनि वर्ष में कम से कम एक बार तो अपनी चाल बदलते ही हैं। कभी वक्री तो कभी मार्गी हो जाते हैं। जब भी शनि अपनी चाल बदलते हैं इनकी चाल से कईयों का जीवन बदल जाता है। 11 oct 2021 शनि एक बार फिर से मार्गी हो गए हैं। 

मार्गी शनि व्यापार-नौकरी के लिए अच्छा माना जाता है। इसे शनि की अच्छी स्थिति कहा जाता है जिससे पद, प्रतिष्ठा और पैसों की आमद होती है। मार्गी शनि कुछ राशियों के लिए खासकर राजनीति से जुड़े जातकों के लिए बहुत अच्छा रहेगा। परंतु शनि के बदलने से कुछ राशि वाले परेशान भी हो सकते हैं।

मेष :  राशि के जातकों के लिए पिछले कुछ समय से चली आ रही परेशानी दूर होगी। धन संबंधित कार्यों और विवादों में सफलता मिलेगी। रुका हुआ पैसा मिलने के योग बन रहे हैं। योजना बनाने की बजाय प्रत्यक्ष कार्यों की तरफ ध्यान दें।  पैतृक कार्यों में सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। मेष राशि वाले लोगों के लिए समय अच्छा है। वैचारिक उतार-चढ़ाव होने के कारण कार्यक्षेत्र में थोड़ी परेशानी वाला समय भी रहेगा। निर्णय लेने में परेशानी होगी ।

वृष – विद्या, बुद्धि के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। स्वभाव में बदलाव होगा। रुके हुए काम समय से पूरे होंगे। आत्मबल बढ़ा हुआ होगा। सोचे हुए काम समय पर पूरे हो जाएंगे। मौसमी बीमारियों से परेशान हो सकते हैं।  स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है। कामकाज में मन लगेगा। बिजनेस करने वाले लोगों के कामों में देरी हो सकती है। सावधान रहें, बड़े सौदे भी टल सकते हैं


मिथुन – वैवाहिक जीवन के लिए शनि का मार्गी होना आपके लिए शुभ है। पुराने मतभेद सुलझ जाएंगे। विचारों में सकारात्मकता होने से बड़े काम भी पूरे हो जाएंगे। उन कामों का असर भी लंबे समय तक रहेगा। इस राशि के विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा है।  छोटी-छोटी यात्राओं से फायदा होगा। इस राशि के अविवाहित लोगों को विवाह के प्रस्ताव मिलेंगे। 

कर्क- मिथुन राशि वाले लोगों के लिए समय अच्छा हैं। मान-सम्मान मिलेगा। पद और प्रतिष्ठा भी मिलेगी। दुश्मनों पर जीत मिलेगी। ऋण संबंधी कामों में सफलता मिलेगी। आर्थिक स्थिति के नजरिए से मिथुन राशि वाले लोगों का समय अच्छा है।  
धार्मिक कामों में मन लगेगा। अचानक यात्राओं का योग भी बन रहा है। दूर स्थानों के लोगों से महत्वपूर्ण समाचार मिल सकते हैं। आर्थिक लाभ मिलेगा।

सिंह- सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ें। सफलता मिलेगी। इस राशि के विद्यार्थियों के लिए समय शुभ है। सफलता मिलेगी। महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात हो सकती है। मीन राशि की स्त्रियों को अचानक सफलता मिल सकती है।संतान से जुड़ी चिंता परेशान कर सकती है। सोचे हुए काम समय से पूरे होंगे। किसी महत्वपूर्ण यात्रा में सफलता मिलेगी। कार्यस्थल पर महत्वपूर्ण घटनाक्रम बनेंगे, जो आपको सफलता दे सकते हैं।

कन्या – दुश्मन हावी रहेंगे। सेहत से जुड़ी परेशानियां होंगी। जीवनसाथी से वैचारिक विरोध हो सकता है। राजनीति से जुड़े लोग सफल होंगे। वाद-विवाद और धन से जुड़े मामलों में अचानक सफलता मिल सकती है। धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने का योग बन रहा है। कानूनी मामले पेचीदा हो सकते हैं। कामकाज में महत्वपूर्ण पद मिल सकता है


तुला – आय में स्थिरता होगी। माता और संतान से सहयोग मिलेगा। बड़े और महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात हो सकती है। पुराने संपर्कों से फायदा मिलेगा। कार्यक्षेत्र में समय प्रतिकूल रहेगा।  इस राशि के अविवाहित लोगों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। स्त्री पक्ष से सहयोग और कार्य सिद्धि होगी। जीवनसाथी के साथ समय बीतेगा

वृश्चिक – जलीय स्थानों पर जाने का मौका मिलेगा। आत्मविश्वास बढ़ा हुआ रहेगा। कारोबार से जुड़ी यात्राएं फायदेमंद रहेगी। नए कामों के लिए समय ठीक नहीं है। किसी भी तरह का नया निवेश न करें। अतिरिक्त प्रयासों से सफलता मिलेगी। आमदनी में कुछ कमी हो सकती है। गोपनीय योजनाएं सार्वजनिक होने से नुकसान हो सकता है। पैसा उधार देने से बचें

धनु- सेहत खराब हो सकती है। विरोधी प्रभावहीन रहेंगे। व्यस्तता के चलते काम में रुकावटें आ सकती है। पिता की सेहत से तनाव हो सकता है। जिसका सहयोग किया है वह व्यक्ति कष्ट दे सकता है।खुद पर भरोसा रखें। वैवाहिक जीवन में कुछ विवाद हो सकते हैं, जिससे तनाव भी हो सकता है। दूर स्थानों से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। यात्राओं के दौरान महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मुलाकात होने के योग बन रहे हैं

मकर – जीवनसाथी से सुख मिलेगा। क्षमता अनुसार शिक्षण के क्षेत्र में भी सफलता मिलेगी। नए वस्त्राभूषण के योग बन रहे हैं। धार्मिक यात्राओं का योग हैं। कार्यस्थल पर व्यस्तता रहेगी। परिवार को समय नहीं दे पाएंगे। आसपास के लोगों से फायदा होगा। धन संबंधी काम पूरे होंगे। रुका हुआ पैसा मिलेगा।

कुंभ- पैतृक धन में वृद्धि होने के योग बन रहे हैं। परंपरागत कामों में लाभ मिलेगा। नए लोगों से मिलेंगे और उनसे अच्छे संबंभी बनेंगे। वाणी के प्रयोग से कामों में सफलता मिलेगी और धन वृद्धि होगी। सोचे हुए कामों में सफलता मिलेगी। नए निवेश करने के लिए समय अच्छा है, फायदा मिलेगा। खान-पान में सावधानी रखें। पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती है। संतान से जुड़ा तनाव दूर होगा। पराक्रम और मेहनत से सफलता मिलेगी।

मीन -राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन फायदेमंद होगा। विवादों में विजय मिलेगी। बिना विचारे निवेश न करें। संतान सुख मिलेगा। विरोधी आपको परेशान करने की कोशिश कर सकते हैं। दाम्पत्य जीवन में परेशानी हो सकती है। सप्ताह के अंत में धन लाभ होगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है।

Friday, September 17, 2021

Homosexuality के कुछ योग in Astrology

 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार Homosexuality के कुछ योग

According to the human sexual quality is define 3 types

1.विपरीत लिंग के लोगो के साथ (विषमलैंगिक )
2.समान लिंग के लोगो के साथ (समलैंगिक ) 3.लिंग लिंग के लोगो के साथ (उभयलिंगी )

1. जब भी कुंडली में शुक्र छठे घर में होगा और उस पर शनि की दृष्टि होगी और बुध का साथ होगा तब एस देखा गया है ऐसा व्यक्ति अपोजिट सेक्स से थोड़ा घबराता है ।
2. शुक्र  आठवें घर में हो सूर्य के सबसे समीप हो या कह सकते हैं कि सूर्य से पूर्ण अस्त हो और शनि की दृष्टि हो तब भी ऐसा व्यक्ति  अपोजिट सेक्स से घबराता है।
3. देखा यह भी गया है की आठवें घर में शुक्र और सूर्य साथ हो तो ऐसे व्यक्ति को वीर्य की प्रॉब्लम होती है।
4. सातवें घर में शनि और बुध का साथ होना ऐसे व्यक्ति भी अपॉजिट सेक्स से घबराते हैं।
5.  कुंडली में शुक्र कहीं भी हो और शनि से दृष्ट हो और डिग्री में कम हो तो भी ऐसा व्यक्ति देखा गया है कि अपॉजिट सेक्सी घबराता है।
6.ज्योतिष शास्त्र में पंचम भाव प्रकृति और संबंध है

आइए अब हम कुंडली को देखते हैं क्या यह व्यक्ति गे कैसे हुआ यह कुंडली तुला लग्न की है और इस व्यक्ति की मकर राशि है उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के चौथे चरण में व्यक्तिगत जन्म हुआ है अगर देखा जाए तो चार ग्रह व्यक्ति के लग्न में ही है शुक्र, शनि ,बृहस्पति और सूर्य अगर कुंडली में ध्यान से देखा जाए तो शुक्र तुला राशि में ही है जो कि उसकी स्वयं की राशि है लेकिन व्यक्ति को अपोजिट सेक्स से फिर भी डर लगता है इसका कारण है शुक्र का पूरी तरह से अस्त है और शनि भी लग्न में शुक्र के साथ बैठे हैं और अगर डिग्री वाइस देखा जाए तो बुध भी शुक्र के समीप है जिससे कि व्यक्ति के अंदर गे की प्रवृत्ति जागृत हुई यह जन्म से गे नहीं था लेकिन दशा अपना खेल हमेशा दिखाती है ।
इस कुंडली में भी बृहस्पति और शुक्र साथ में भी हैं ऐसा बहुत सी कुंडलियों में देखा गया है कि जब बृहस्पति और शुक्र साथ होते हैं तो व्यक्ति का मन दो जगह भटकता है एक तरफ व्यक्ति यौन सुख की तरफ भागता है और दूसरी तरफ जल्दी उससे निकलना चाहता है कह सकते हैं के मन में तो उतावलापन रहता है पर जब भी बिस्तर पर जाता है वह बेकार हो जाता है। 
कृपया कमेंट करके जरूर बताएं कि मेरा यह ब्लॉग आप को कैसा लगा और आपका प्यार मुझे मिला आपने मुझे इस काबिल समझा कि मैं नए नए ब्लॉग ला सकूं मेरे पुराने ब्लॉकों पर आपने बहुत प्यार दिया और मुझसे व्हाट्सएप पर जुड़े अपने प्रश्न पूछे और समस्याओं का हल जाना मैं आपका दिल से धन्यवाद करता हूं आपका आचार्य विपिन तिवारी
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Phone pe number same H. 

Monday, September 13, 2021

Some Vastu tips for health life

1. घर की उत्तर पूर्व दिशा घर की बहुत महत्वपूर्ण दिशा होती है।यदि शौचालय है, तो परिवार के 60 वर्ष से अधिक उम्र के सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और अगली पीढ़ी के साथ समस्याओं का सामना करना 
पड़ेगा।

2. उत्तर पूर्व में रसोई घर में रहने से कैंसर हो सकता है अगर घर में 15 साल से अधिक समय तक 
रहता है ।

3. पूर्वोत्तर में इस्त्री न करें, विशेष रूप से घर की महिलाओं के बीच भय के संबंध में बहुत सारे मुद्दे 
होंगे।

4. अगर उत्तर-पूर्व में कोई पुराना कुआं है, तो उसे बंद कर दें या अपना घर शिफ्ट कर दें।

5. सीढ़ी, विशेष रूप से दक्षिणावर्त भी भय देगा, क्योंकि
 दिमाग अवरुद्ध हो जाएगा और स्पष्टता के साथ निर्णय नहीं ले पाएगा और जिसके कारण निर्णय लेने में देरी होगी, अवसर चूक जाएंगे।Vastu

6. उत्तर पूर्व में कटौती से निर्णय लेने की प्रक्रिया में बाधा आएगी। घर के निवासी चीजों को सही नजरिए से नहीं देख पाएंगे। महिला सदस्यों को ब्रेस्ट कैंसर हो 
सकता है। पुरुष सदस्य पक्षाघात से पीड़ित हो सकते हैं।

7. पूर्वोत्तर में शौचालयों के कारण असाध्य रोग हो सकते हैं। दूसरी और तीसरी बार कैंसर का दोबारा होना। पक्षाघात और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे। 
शादियां टूट सकती हैं।

8. पूर्वोत्तर में दरारें और कार पार्किंग, खासकर अगर लाल कार या मैरून कार से कैंसर, दीर्घकालिक बीमारी, अल्जाइमर हो सकता है।

9. ईशान कोण में स्टोर रूम न बनाएं। यह निर्णय लेने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करेगा। विवाह के लिए गलत साथी का चयन हो सकता है।Vastu tips लड़कियां और लड़के सही उम्र में सही चुनाव करने और सिंगल रहने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
#Vastu
#Tips 

जिंदगी दुल्हन है एक रात की!! astrologer Vipin Tiwari

जिंदगी दुल्हन है एक रात की  कोई नही है मंजिल जिसके अहिवात की  #मांग भरी शाम को बहारो ने ,  सेज सजी रात चांद तारो ने  भोर हुई मेहंदी छुटी हाथ...