Saturday, July 17, 2021

श्राद्ध special

नमस्कार दोस्तों मैं आपका मित्र आचार्य विपिन तिवारी आज आपके सामने एक रोचक जानकारी लेकर आया हूं जिससे सभी लोग डरते हैं वह पित्र दोष ऐसा देखा गया है कि सभी कहते हैं कि हमने पितृदोष का पूजन करा लिया है और फिर भी समाधान नहीं हो रहा है जिसका कारण है पूरी तरीके से जानकारी ना होना कृपया मेरे इस अध्ययन को ध्यान से पढ़ें और समझे।

इसका कारण होता है सही उपाय का न होना अगर किसी को  नागबली की जरूरत है और वो नारायनबली करवाएगा तो परिणाम कहा से प्राप्त होगा

इसके लिए में आपको अपने ज्ञान के अनुसार जानकारी दे रहा हु जो मेने शास्त्रों में पढ़ा है वही बता रहा हु

(1) नारायनबली :-  ये उन पित्रो के लिए करवाई जाती है जिनके बारे में आपको पता हो जैसे आपके परिवार का कोई वो सदस्य जिसके नाम और उसके बारे में आप जानते है और शांत होने के बाद आपके सपने में आता है या किसी अन्य प्रकार से प्रेत योनि में जाकर आपके परिवार में पितृ दोष बना रहा है या आपको कस्ट दे रहा हो तो उनके लिए नारायनबली करवाई जाती है क्योंकि संकल्प में आपको प्रेत का नाम और गोत्र बोलना पढ़ता है चुकी आपको उसके बारे में पता है इस कारण आप नाम गोत्र संकल्प में बोलकर ये उसकी सद्गति के लिए करवा सकते है 

2 नाग बलि:- अगर किसी की कु डली में पंचम भाव मे राहु विराजमान हो या पंचमेश राहु से पीड़ित हो तो नाग दोष बनता है अर्थात पूर्व जन्म में अकारण किसी सांप को मारने से या गर्भ गिरवाने से या बच्चो को प्रताड़ित उस इंसान ने किया था जिसके कारण ये दोष बनता है और इसका परिणाम ये होता है कि सन्तान होने में शमस्या आती है या बार बार गर्भ गिर जाता है या बच्चे मरे हुए पैदा होते है 
इसके निवारण के लिए कृष्ण पक्ष की पंचमी को नाग देवता का पूजन करवाया जाता है उनको भोग वगेरह देकर इस दोष का निवारण करवाया जाता है श्राद्ध कब कराना चाहिए

3 त्रिपिंडी श्राद्ध:- त्रिपिंडी श्राद्ध तब करवाया जाता है जब आपकी कुंडली मे पितृ दोष बना हुआ हो और आपको ये पता नही हो कि हमारी पीढ़ी में किसकी अधोगति के कारण ये बना हुआ है मतलब उस पितृ के बारे में आपको पता नही हो जो अधोगति में है मान लीजिये आपसे पूर्व की 5 वी पीढ़ी में शांत हुआ कोई इंसान अधोगति में हिने के कारण आपकी कुंडलियों में ये दोष बना हुआ है अब आपको उस पितृ का नाम की जानकारी नही है तब ये कराया जाता है इसमें 3 पिंड बनते है एक ब्राह्म जी का दूसरा विष्णु जी का तीसरा महादेव का 
मतलब अगर वो आत्मा सात्विक हुई तो ब्रह्मा जी उसकी सद्गति करे राजसिक हुई तो विष्णु भगवान उसकी सद्गति करे और तामसिक(भूत प्रेत गन्दी योनि)  में हुई तो भगवान शिव उसकी सद्गति करे 

पितृ दोष निवारण श्राद्ध ये श्राद्ध तीनो श्राधो के साथ अनिवार्य होता है इसको करने का मतलब होता है कि हम आजन पित्रो से अब तक कि हुई गलतियों की क्षमा मांगते है उन्हें वचन देते है कि आइंदा नियम पूर्वक धर्म पूर्वक जीवन जिएंगे समय समय पर उनको भोग प्रदान करेंगे 
हमारी कमाई का कुछ हिस्सा उनके लिए रखेंगे

जी हां आप जो भी कमाते है उसमे इनका हिस्सा होता है क्योंकि ये जीवन उन्ही के देंन है अगर आप वो हिस्सा उनके लिए नही निकलते तो वो पितृ अपने हिस्से को अस्पताल कोर्ट बीमारियों के जरिये निकलवाते है 

कुछ ज्यादा आधुनिक लोग ये कहते है कि ये सब धंधा है ऐसे कोई दोष नही होते है बन्धुओ अनपढ़ में भी नही हु अच्छी शिक्षा मेंने हासिल की हुई है ईश्वर की कृपा के कारण में अध्यात्म के मार्ग से जुड़ा हुआ हूं ।

कृपया इसे खूब शेयर करें 

No comments:

जिंदगी दुल्हन है एक रात की!! astrologer Vipin Tiwari

जिंदगी दुल्हन है एक रात की  कोई नही है मंजिल जिसके अहिवात की  #मांग भरी शाम को बहारो ने ,  सेज सजी रात चांद तारो ने  भोर हुई मेहंदी छुटी हाथ...