Friday, August 20, 2021

राशि अनुसार जानेभाई को राखी बांधना और शुभ मुहूर्त और मंत्र

*राशि अनुसार भाई को राखी  बांधना और मिठाई शुभ मंगल लाभ रक्षा शुभ महूरत कथा पूजा विधि मंत्र .....*

*राखी बांधने का मुहूर्त-:*
रक्षाबंधन पर प्रात: 06 बजकर 15 मिनट से प्रात: 10 बजकर 34 मिनट  तक शोभन योग रहेगा, धनिष्ठा नक्षत्र शाम को करीब 07 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. 22 अगस्त 2021 को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक, राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा. 
• रक्षाबंधन तिथि- रविवार 22 अगस्त 2021 
• पूर्णिमा तिथि -21 अगस्त शाम 3.45 बजे से शुरू,शाम 5.58 बजे समापन.
• शुभ मुहूर्त : सुबह 5.50 बजे से शाम 6.03 बजे तक.राखी
• राखी के लिए दोपहर का समय-1.44 बजे से 04.3 बजे तक .
• अभिजीत मुहूर्त-दोपहर 12.04 बजे से 12.58 बजे तक.

*आपके भाई की राशि रक्षासुत्र और लाभ*
  
मेष :  आपके भाई  की राशि मेष है उसे लाल रँग  की राखी बांधें और मिठाई में मालपुए खिलाएं. ऐसा करने से भाई को मानसिक शांति मिलेगी 
 
वृषभ : इस राशि के भाई को सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधें और रसमलाई  मिठाई ही खिलाएं, ऐसा करने से नौकरी व्यापार में लाभ मिलेगा और उर्जा से ओतप्रोत 
 
मिथुन : आपके भाई  की राशि मिथुन है, बहने उन्हें हरे रँग  वाली राखी बांधें और हरी बर्फी या गुलाबजामुन मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से सामाजिक कार्यों में रुचि बनी रहेगी.विचार शक्ति बढ़ेगी 
 
कर्क : आपके भाई की राशि कर्क है तो इस साल राखी के त्योहार पर अपने भाई की कलाई पर सफ़ेद रेशम वाली राखी बांधें. मिठाई में कलाकंद या बादाम कतली  खिलाएं. ऐसे करने से मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी भावनात्मक रिश्ते मजबूत होंगे

सिंह : सिंह राशि वाले भाइयों को ऑरेंज राखी बांधें और मिठाई में घेवर  मिठाई या बलुशाई खिलाएं. इससे शिक्षा के क्षेत्र में सफतला प्राप्त होगी और कार्रिएर जॉब लाभ 

कन्या : अगर आपके भाई की राशि कन्या है तो अपने भाईयों को गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधें और मोतीचूर के लड्डू खिलाएं. इससे वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा और अच्छा शुभ परिणाम मिलेगा 

तुला : आपके  भाई की राशि तुला है वो रेशमी हल्के गुलाबी  डोरे वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें कजुकतली या मावा बर्फी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से व्यवसाय की चिंता दूर होगी और स्थिति सामान्य बनी रहेगी कार्य शक्ति बढ़ेगी  

वृश्चिक ; आपके भाई की राशि वृश्चिक हे आप चमकीला लाल रँग  वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें पंचमेवा बर्फी या अंजीर कतली मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से उनके क्रोध व रोगी से आराम मिलगे 

धनु : भाई की राशि धनु  है वो पीले  रक्षासूत्र वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें बेसन चक्की या जलेबी  मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से नौकरी व्यापार की बाधा दूर होगी 

मकर : आपके  भाई की राशि मकर  है वो परपल रक्षासुत्र   वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें काला गुलाबजामुन मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से जीवन की सभी बाधा दूर होगी 

कुम्भ : भाई की राशि कुम्भ  है वो नीले धागे वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें सोहन हलवा या सोहन पपड़ी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने सेउनको धन सम्पति लाभ होगा 

मीन : भाई की राशि मीन  है वो पीले रक्षासुत्र वाली राखी बांधें, मिठाई में उन्हें केसर बाटी मिठाई खिलाएं. ऐसे करने से  मन स्वच्छ होगा 

*रक्षाबंधन की कथा-:*
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बाद देवताओं और असुरों के बीच में युद्ध हुआ था। जो 12 वर्षों तक चला था। जिसके अंत में दानव जीत गए थे। दानवों ने इसके बाद देवताओं के राजा-इंद्र के सिंहासन पर कब्जा कर लिया, बल्कि तीनों लोकों पर कब्जा कर लिया। जब इंद्र युद्ध हार गए तब सभी देवता गुरु बृहस्पति जी के पास गए और उनसे इस समस्या का निदान करने को कहा।बृहस्पति ने इंद्र को कुछ मंत्रों का जाप करने की सलाह दी। जिससे उन्हें सुरक्षा प्रदान हो सके। देवगुरु बृहस्पति ने श्रावण मास के दिन मंत्रों का उच्चारण शुरु किया।

*रक्षाबंधन के मंत्र*
 येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः

*पूजा विधि:* राखी बांधने से पहले भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठा लें। फिर भाई के माथे पर तिलक लगाएं और उन्हें रक्षा सूत्र बांधें। भाई की आरती उतारें। मुंह मीठा करें। अगर भाई बड़ा है तो आप उसके चरण स्पर्श करें। राखी बंधवाने के बाध भाई अपनी इच्छानुसार बहनों को भेंट देते हैं।

ज्योतिषाचार्य विपिन तिवारी
Whatsapp number :9015848532

Tuesday, August 17, 2021

अवैध संबंध के बारे में कुंडली से

जन्म कुंडली में ऐसे योग के बारे में वैवाहिक जीवन के बाद भी किसी अन्य स्त्री या पुरुष से संबंध

--जन्म कुंडली में शनि और शुक्र की युति, वैवाहिक जीवन में किसी अन्य का आना बताता है।

--  पंचम भाव में शनि, शुक्र और मंगल की युति अवैध संबंध का निर्माण करती है।

--  मेष या वृश्चिक राशि में मंगल के साथ शुक्र के होने से पराई स्त्री से घनिष्ठा बनती है।

--  जन्म कुंडली में चन्द्रमा से द्वितीय स्थान में शुक्र हो तो 'सुनफा योग' बनता है । ऐसा जातक भौतिक सुखों की प्राप्ति करता हैं उसका सौन्दर्य आकर्षक होता है अन्य स्त्रियों से शारीरिक संबंध की प्रबल संभवना होती है।

--  द्वितीय, छठे और सप्तम भाव के किसी भी स्वामी के साथ शुक्र की युति लग्न में होने से जातक का चरित्र संदेहप्रस्त होता है।

--  सूर्य और शुक्र की युति मीन लग्न में होने से जातक को अत्यंत कामुक बनाती है उसका अवैध संबंध बनता है तथा ऐसे जातक की  कामवासना की तृप्ति शीघ्र नहीं होती।

--  बुध और शुक्र की युति यदि सप्तम भाव में हो तो जातक अवैध संबंधों के लिए नूतन तरीके अपनाता हैं।

--  शनि, मंगल और शुक्र का काम वासना से घनिष्ठ संबंध है यदि जन्म कुंडली में शनि और मंगल की युति सप्तम भाव पर हो तो जातक समलिंगी होता है। ये ही युति यदि अष्टम, नवम, द्वादश भाव पर हो तो जातक का अपने बड़ों से अवैध संबंध होता हैं।

-- मंगल और राहू की युति अथवा दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक कामुक होता है एवं अवैध संबंध बनाने के लिए उसका मन भटकता है।

-- लग्न, चतुर्थ, सप्तम, दशम भाव में गुरु पर मंगल शुक्र का प्रभाव और चन्द्रमा पर राहू का प्रभाव हो तो व्यक्ति अवैध संबंध बनाने के लिए सभी सीमाओं का उल्लंघन कर देता है।

--  लग्न में शनि का होना जातक को कामवासना अधिक देता है, पंचम भाव में शनि होने से अपने से बड़ी स्त्रियों के प्रति अवैध संबंध बनाने के लिए जातक को आकर्षित करता है।

--  शनि का सप्तम भाव में चन्द्रमा के साथ होना और मंगल की दृष्टि पड़ने से जातक वेश्यागामी होता है इसी योग में अगर शुक्र का संबंध दृष्टि अथवा युति से बन जाए तो अवैध संबंध निश्चित हो जाता है।

--  चन्द्रमा जन्म कुंडली में कहीं पर भी नीच को होकर बैठा हो और उस पर पाप प्रभाव हो तो जातक अपने नौकर/नौकरानी से अवैध संबंध बनवाता है यहीं चन्द्रमा अगर दूषित होकर नवम भाव में स्थित हो तो जातक अपने गुरु अथवा अपने से बड़ों के साथ अवैध संबंध बनाता है।

--  मंगल उत्तेजना को दर्शता है जन्म कुंडली में किसी पाप ग्रह के साथ मंगल की युति सप्तम भाव में हो या सूर्य सप्तम में और मंगल चतुर्थ स्थान में हो अथवा चतुर्थ भाव में राहू हो तो व्यक्ति कामुकता में अंध होकर पशु समान कार्य करता है।

--  राहू का अष्टम भाव में होना  और शुक्र का भी साथ होना जातक का अवैध संबंध कराता है।

-- तुला राशि में चार ग्रह एक साथ होने से जातक के परिवार में कलेश उत्पन्न करते है जिसके कारण जातक बाहर अवैध संबंध बनाता है।

-- शनि का दशम भाव में होना जातक के मन में विरोधाभास उत्पन्न करता है। शुक्र और मंगल की युति जन्म कुंडली में कहीं पर भी हो एवं शनि दशम भाव में हो तो जातक ज्ञानवान भी होता है एवं काम वासना और अवैध संबंधों को गंभीरता से लेता है उसका मन स्थिर नहीं रह पाता, कभी ज्ञानी बन जाता है कभी अवैध संबंधों का दास।

-- बुध और शनि का संबंध सप्तम भाव से हो तो ऐसे जातक यौनक्रियाओं में नीरस एवं अयोग्य होते हैं।

--  सूर्य का सप्तम भाव में होना जातक के वैवाहिक जीवन में कलेश उत्पन्न करता है, इससे परेशान होकर जातक अवैध संबंध बनाता है।

-- सप्तम भाव में राहू और शुक्र हो अथवा राहू और चन्द्रमा की युति हो तथा गुरु द्वादश भाव में स्थित हो तो विवाह पश्चात कार्यालयों में ही अवैध-संबंध बनते हैं। 

--  बुध और शनि की युति यदि द्वादश भाव में हो तो जातक शीघ्रपतन का रोगी बन जाता है और इसी योग में यदि लग्न, सप्तम और अष्टम भाव में राहू हो तो व्यक्ति अपनी जवानी को स्वयं नष्ट करता है एवं उसका जीवनसाथी किसी अन्य से शरीरिक तृप्ति लेता है।

ज्योतिषाचार्य विपिन तिवारी
Whatsapp number :9015848532

Thursday, August 12, 2021

मकर राशि एक depressing राशि है चिढ़चिडाहट से भरी हुई एक सुस्त राशि

मकर राशि एक depressing राशि है  चिढ़चिडाहट से भरी हुई एक सुस्त राशि

इसके ठीक सामने कर्क राशि है जो की  सफलता के शीर्षबिन्दु को दर्शाती है 
मकर राशि अपमान की चट्टान की तरह  , जख्म ,विफलता , नफरत ,उपहास, निंदा  और set backs की राशि है 
मकर राशि में जितने ज्यादा ग्रह होंगे ये उतना ही दुःखदाई साबित होगी 

मकर लग्न या फिर मकर चन्द्र  राशि के लोग  जीवन में अक्सर दुःख का झुनझुना लेकर घूमते है 

इंदिरा गांधी जी की कर्क लगन की कुंडली मे चन्द्रमा मकर राशि में था 

उनके खुद के security guards ने उनकी हत्या कर दी 

उससे पहले उन्होंने अपने पुत्र संजय की मृत्यु का दुःख झेला 

मकर लग्न हो और उसका स्वामी शनि राहू के साथ हो तो  व्यक्ति जीवन में अक्षम (disable ) होकर रह जाता है

ये एक कार्मिक राशि है क्यों की काल पुरुष की कुंडली के 10वे भाव की राशि है

यहाँ पर ब्रहस्पति जो की धन और भाग्य भाव का कारक है वो नीच हो जाता है

शश महापुरुश व धन योग बनाने के बाद भी यह राशि negative तो है ही

मैंने किसी ज्ञानी जन से सुना है की मकर राशि में बैठा एक विशेष ग्रह जीवन साथी के गहने तक बिकवा देता है

मकर लग्न यदि पाप कर्तरि में हो 
अर्थात शनि 12वे भाव मे हो और राहू कुंडली के दूसरे भाव मे हो तो ऐसा व्यक्ति जेल भी चला जाता है

1989 और 1988 वर्ष में पैदा हुए मकर लग्न के लोगो की कुंडली मे ये योग बनता है

 मकर राशि में शनि हो और कर्क राशि में सूर्य हो तो ऐसा जातक ढीठ, उक्साने वाला व बेशर्म होता है
व piles के रोग से ग्रसित रहता है

व उसे गठिया बाय के रोग भी होते हैं 

18 जुलाई से 17 अगस्त 2021 तक आकाश में ऐसा योग बना भी हुआ है

मकर राशि का स्वामी शनि पीड़ित हुआ तो जहां मकर राशि पड़ती है वहाँ से जुड़े दुःख बड़ा देगा

मारा मंजल की छाल  16 तरह की मधुमेह की बीमारिया दूर करने में सक्षम होती है और गुदा रोग दूर करने में भी लाभ कारी है

Piles की समस्या से जूझ रहे लोगों को nature call  में देर नहीं करनी चाहिए ना ही किसी सख्त जगह पर लंबे समय तक बैठे रहना चाहिए और ना ही ऐसा food  खाना चाहिए जिससे पेट के रोग बड़े

Saturday, August 7, 2021

सावन की हरियाली अमावस्‍या का महत्‍व

सावन की हरियाली अमावस्‍या का महत्‍व
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अमावस्या में श्रावण मास की अमावस्या का अपना अलग ही महत्व है। इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली अमावस्या का त्योहार सावन महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। यह त्योहर सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशी में मनाया जाता है। हरियाली अमावस पर पीपल के वृक्ष की पूजा एवं फेरे किये जाते है तथा मालपूए का भोग बनाकर चढाये जाने की परम्परा है। हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण का भी महत्व है। 

इस वर्ष 08 अगस्त के दिन हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी अमावस्या के साथी ही यह पितृकार्येषु (पित्रो के लिए किए जाने वाले जप दान आदि) की अमावस्या के रुप में भी जानी जाती है. कालसर्प योग, ढैय्या तथा साढ़ेसाती सहित शनि संबंधी अनेक बाधाओं से मुक्ति पाने का यह दुर्लभ समय होता है।

एक 8 अगस्त रविवार को पुष्य नक्षत्र, कर्क राशि के चंद्रमा के साथ हरियाली अमावस्या का संयोग दुर्लभ ही होता है। अमृत सिद्धि व सर्वार्थ सिद्धि योग में हरियाली अमावस्या हो, गुरुवार को पुष्य नक्षत्र हो तो यह अमृत व सर्वार्थ सिद्धि योग कहलाता है। नक्षत्र गणना के अनुसार पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। शास्त्रीय गणना अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव हैं तथा चंद्रमा स्वयं की राशि कर्क में रहेंगे। यह दोनों पितृ कर्म का विशेष लाभ देने वाले माने जाते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्धकर्म करने से अतिशुभ फल मिलने की शास्त्रीय मान्यता है। 

हरियाली अमावस्या के कर्म
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हरियाली अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करके, उसके किनारे बैठकर किसी पंडित से पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्धकर्म करवाया जाए तो पितरों को शांति मिलती है। यह कर्म करने के बाद पितरों के नाम से गरीबों को भोजन करवाएं, गाय को चारा खिलाएं, गरीबों को वस्त्र आदि भेंट करना चाहिए।

अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन दोपहर 12 बजे के पूर्व पीपल के पेड़ के पेड़ की 21 परिक्रमा करते हुए जल अर्पित करें। पीपल के पेड़ का पूजन कर मौली के 21 फेरे बांधें। शाम को सूर्यास्त से पूर्व पीपल के पेड़ के नीचे आटे से पांच दीपक बनाकर प्रज्जवलित करें। इससे धन संबंधी समस्या समाप्त होती है। ध्यान रहे यह प्रक्रिया सूर्यास्त के बाद बिलकुल न करें।

अमावस्या के दिन दृष्टिहीन, अपंग, मंदबुद्धि, लंगड़े या जिनका कोई अंग भंग हो गया हो, ऐसे लोगों को वस्त्र भोजन भेंट करें। इससे जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा होती है।

हरियाली अमावस्या की रात्रि में दीपदान का बड़ा महत्व है। इस दिन रात्रि में किसी नदी, तालाब में दीपदान करना चाहिए। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

श्रावणी अमावस्या प्रकृति देवी की आराधना का पर्व है मान्यता है कि वृक्षों में देवी-देवताओं का वास होता है इसलिए इस दिन पौधा लगाना शुभ माना गया है। 

विशेष कामना सिद्धि हेतु उपाय
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1. लक्ष्मी प्राप्त के लिए : तुलसी, आँवला, केल, बिल्वपत्र का वृक्ष लगाये। 

2. आरोग्य प्राप्त के लिए : ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आँवला, सूरजमुखी, तुलसी लगाये। 

3. सौभाग्य प्राप्त हेतु : अशोक, अर्जुन, नारियल, ब़ड (वट) का वृक्ष लगाये। 

4. संतान प्राप्‍ति के लिए : पीपल, नीम, बिल्व, नागकेशर, गु़डहल, अश्वगन्धा को लगाये।

5. मेधा वृद्धि प्राप्त हेतु : आँक़डा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, तुलसी लगाये। 

6. सुख प्राप्त के लिए : नीम, कदम्ब, धनी छायादार वृक्ष लगाये। 

7. आनन्द प्राप्त के लिए : हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब लगाये।

राशि के अनुसार उपाय
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मेष : लाल राईं या सरसों का तेल किसी गरीब को दान में दें। (राशि ग्रह मंगल अनुसार)- पारस पीपल, लाल चंदन, केशर का पौधा लगाए। 

वृषभ : गौशाला में गाय-बछड़ों के लिए हरा चारा दान करें। (राशि स्वामी शुक्र के लिये)- सुगंधित फूल, पारिजात, औषधीय पौधे, गुलर, शतावरी का पौधा लगाएं। 

मिथुन : उड़द के आटे की गोलियां बनाकर मछलियों के लिए तालाब या नदी में डालें।
(राशि स्वामी बुध के लिये)- मेहंदी, नागपवित्री, तुलसी लटजीरा।

कर्क : काले पत्थर के शिवलिंग पर कच्चे दूध से अभिषेक करें। नि:शक्तों को मीठे चावल खिलाएं। (राशि स्वामी चंद्र के लिये)- सफेद फूल वाले पौधे, गन्ना, सफेद चंदन का पौधरोपण करें।

सिंह : गरीबों को गेहूं दान करें। दुर्गा देवी का पूजन लाल फूलों से करें। (राशि स्वामी सूर्य के लिये)- आंकड़ा, नारियल, बादाम, लाल फूल वाले पौधे लगाए। 

कन्या : तुलसी के 11 पौधे भेंट करें। बरगद के पेड़ में जल अर्पित करें और पेड़ के नीचे बाजरा बिखेर दें। (राशि स्वामी बुध के अनुसार)- मेहंदी, नागपवित्री, तुलसी लटजीरा का पौधा लगाएं।

तुला : शिव या हनुमान मंदिर में दर्शन करें। गरीब कन्याओं को दूध और दही का दान दें। (राशि स्वामी शुक्र के लिये)- सुगंधित फूल, पारिजात, औषधीय पौधे, गुलर, शतावरी का पौधा लगाएं।

वृश्चिक : पीपल के पेड़ में जल चढ़ाकर पूजन करें। शाम को दीप दान करें। (राशि ग्रह मंगल अनुसार)- पारस पीपल, लाल चंदन, केशर का पौधा लगाए। 

धनु : दृष्टिहीन बालक को मीठा दूध पिलाएं। गरीब परिवार में चने की दाल या बेसन से बनी मिठाई दान करें। (राशि स्वामी गुरु के लिये)- पीपल, नागरमोथा, पीली हल्दी, नीम, विष्णुकांता के पौधे लगाए।

मकर : पक्षियों को बाजरा डालें। शनिदेव का पूजन नीले पुष्पों से करें। (राशि स्वामी शनि के अनुसार)- बरगद, पलाश, महुआ,आंवला, शमी, तगर का पौधा लगाएं। 

कुंभ : बहते पानी में सवा पाव चावल और 2 नारियल प्रवाहित करें। शनि मंदिर के बाहर बैठे भिखारियों को भोजन करवाएं।
(राशि स्वामी शनि के अनुसार)- बरगद, पलाश, महुआ,आंवला, शमी, तगर का पौधा लगाएं। 

मीन : मिट्टी के पात्र में शहद भरकर मंदिर में रखकर आएं। चीटियों की बांबी में आटा रखें। (राशि स्वामी गुरु के लिये)- पीपल, नागरमोथा, पीली हल्दी, नीम, विष्णुकांता के पौधे लगाए।
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Monday, August 2, 2021

4 अगस्त का राशिफल जाने क्या है खास

मेष :
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें।

वृषभ :
नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।

मिथुन :
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जल्दबाजी न करें।

कर्क :
घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी।

सिंह :
दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा।

कन्या :
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

तुला :
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।

वृश्चिक :
भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।

धनु :
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।

मकर :
पढ़ाई के स्तर पर कोई आपकी मदद करने का लिए तैयार है। लेकिन हो सकता है कि आप किसी का एहसान लेने के मूड में न हों। सेहत के प्रति आपकी सक्रियता बढ़ने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा। परिवार के किसी शादीयोग्य सदस्य के लिए जोड़ीदार की तलाश सफल रहने वाली है। कार्यक्षेत्र में डेडलाइन का प्लान करने के लिए आपको अपने काम की प्राथमिकता तय करनी होगी। शानदार कमाई का अवसर आपके सामने आने वाला है, आर्थिक स्तर में सुधार आएगा।

कुंभ :
प्रेम संबंध को लेकर गंभीर होंगे और इसे आगे ले जाने की पहल कर सकते हैं। कमाने का नया जरिया मिल जाने से अब पैसे को लेकर कोई दिक्कत नहीं रहेगी। दोस्तों के साथ ट्रिप पर जाने की संभावना दिख रही है। आप में से कुछ लोगों के लिए परिवार बहुत बड़ा सपोर्ट सिस्टम बना रहेगा। प्रोफेशनल क्षेत्र में स्थिति आपके अनुकूल रहेगी, कुछ बेहतर किए जाने की उम्मीद है। अपनी संस्था या कंपनी को रिप्रेजेंट करने का अवसर मिल सकता है, बेहद रोमांचित रहेंगे।

मीन :
ऊर्जा और आत्मविश्वास में गजब की वृद्धि होगी। इस अवधि में हमेशा खुश और संतुष्ट दिखाई देंगे। साथ ही यह समय आपको अपने शरीर और फिटनेस के प्रति भी, अधिक सचेत करेगा और आप कोई भी जोखिम लेने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे। व्‍यवसाय कर रहे जातकों के लिए समय अत्‍यंत शुभ है। इस दौरान आपको कार्यों की सराहना तो मिलेगी ही साथ ही कुछ बड़े ऑर्डर भी मिल सकते हैं।


जिंदगी दुल्हन है एक रात की!! astrologer Vipin Tiwari

जिंदगी दुल्हन है एक रात की  कोई नही है मंजिल जिसके अहिवात की  #मांग भरी शाम को बहारो ने ,  सेज सजी रात चांद तारो ने  भोर हुई मेहंदी छुटी हाथ...