Tuesday, August 17, 2021

अवैध संबंध के बारे में कुंडली से

जन्म कुंडली में ऐसे योग के बारे में वैवाहिक जीवन के बाद भी किसी अन्य स्त्री या पुरुष से संबंध

--जन्म कुंडली में शनि और शुक्र की युति, वैवाहिक जीवन में किसी अन्य का आना बताता है।

--  पंचम भाव में शनि, शुक्र और मंगल की युति अवैध संबंध का निर्माण करती है।

--  मेष या वृश्चिक राशि में मंगल के साथ शुक्र के होने से पराई स्त्री से घनिष्ठा बनती है।

--  जन्म कुंडली में चन्द्रमा से द्वितीय स्थान में शुक्र हो तो 'सुनफा योग' बनता है । ऐसा जातक भौतिक सुखों की प्राप्ति करता हैं उसका सौन्दर्य आकर्षक होता है अन्य स्त्रियों से शारीरिक संबंध की प्रबल संभवना होती है।

--  द्वितीय, छठे और सप्तम भाव के किसी भी स्वामी के साथ शुक्र की युति लग्न में होने से जातक का चरित्र संदेहप्रस्त होता है।

--  सूर्य और शुक्र की युति मीन लग्न में होने से जातक को अत्यंत कामुक बनाती है उसका अवैध संबंध बनता है तथा ऐसे जातक की  कामवासना की तृप्ति शीघ्र नहीं होती।

--  बुध और शुक्र की युति यदि सप्तम भाव में हो तो जातक अवैध संबंधों के लिए नूतन तरीके अपनाता हैं।

--  शनि, मंगल और शुक्र का काम वासना से घनिष्ठ संबंध है यदि जन्म कुंडली में शनि और मंगल की युति सप्तम भाव पर हो तो जातक समलिंगी होता है। ये ही युति यदि अष्टम, नवम, द्वादश भाव पर हो तो जातक का अपने बड़ों से अवैध संबंध होता हैं।

-- मंगल और राहू की युति अथवा दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक कामुक होता है एवं अवैध संबंध बनाने के लिए उसका मन भटकता है।

-- लग्न, चतुर्थ, सप्तम, दशम भाव में गुरु पर मंगल शुक्र का प्रभाव और चन्द्रमा पर राहू का प्रभाव हो तो व्यक्ति अवैध संबंध बनाने के लिए सभी सीमाओं का उल्लंघन कर देता है।

--  लग्न में शनि का होना जातक को कामवासना अधिक देता है, पंचम भाव में शनि होने से अपने से बड़ी स्त्रियों के प्रति अवैध संबंध बनाने के लिए जातक को आकर्षित करता है।

--  शनि का सप्तम भाव में चन्द्रमा के साथ होना और मंगल की दृष्टि पड़ने से जातक वेश्यागामी होता है इसी योग में अगर शुक्र का संबंध दृष्टि अथवा युति से बन जाए तो अवैध संबंध निश्चित हो जाता है।

--  चन्द्रमा जन्म कुंडली में कहीं पर भी नीच को होकर बैठा हो और उस पर पाप प्रभाव हो तो जातक अपने नौकर/नौकरानी से अवैध संबंध बनवाता है यहीं चन्द्रमा अगर दूषित होकर नवम भाव में स्थित हो तो जातक अपने गुरु अथवा अपने से बड़ों के साथ अवैध संबंध बनाता है।

--  मंगल उत्तेजना को दर्शता है जन्म कुंडली में किसी पाप ग्रह के साथ मंगल की युति सप्तम भाव में हो या सूर्य सप्तम में और मंगल चतुर्थ स्थान में हो अथवा चतुर्थ भाव में राहू हो तो व्यक्ति कामुकता में अंध होकर पशु समान कार्य करता है।

--  राहू का अष्टम भाव में होना  और शुक्र का भी साथ होना जातक का अवैध संबंध कराता है।

-- तुला राशि में चार ग्रह एक साथ होने से जातक के परिवार में कलेश उत्पन्न करते है जिसके कारण जातक बाहर अवैध संबंध बनाता है।

-- शनि का दशम भाव में होना जातक के मन में विरोधाभास उत्पन्न करता है। शुक्र और मंगल की युति जन्म कुंडली में कहीं पर भी हो एवं शनि दशम भाव में हो तो जातक ज्ञानवान भी होता है एवं काम वासना और अवैध संबंधों को गंभीरता से लेता है उसका मन स्थिर नहीं रह पाता, कभी ज्ञानी बन जाता है कभी अवैध संबंधों का दास।

-- बुध और शनि का संबंध सप्तम भाव से हो तो ऐसे जातक यौनक्रियाओं में नीरस एवं अयोग्य होते हैं।

--  सूर्य का सप्तम भाव में होना जातक के वैवाहिक जीवन में कलेश उत्पन्न करता है, इससे परेशान होकर जातक अवैध संबंध बनाता है।

-- सप्तम भाव में राहू और शुक्र हो अथवा राहू और चन्द्रमा की युति हो तथा गुरु द्वादश भाव में स्थित हो तो विवाह पश्चात कार्यालयों में ही अवैध-संबंध बनते हैं। 

--  बुध और शनि की युति यदि द्वादश भाव में हो तो जातक शीघ्रपतन का रोगी बन जाता है और इसी योग में यदि लग्न, सप्तम और अष्टम भाव में राहू हो तो व्यक्ति अपनी जवानी को स्वयं नष्ट करता है एवं उसका जीवनसाथी किसी अन्य से शरीरिक तृप्ति लेता है।

ज्योतिषाचार्य विपिन तिवारी
Whatsapp number :9015848532

9 comments:

Amar said...

Ap jankari hamare bhut kam aate h

Anonymous said...

apke sht jud kr bhut aacha lga

Anonymous said...

Guru Ji apke help se Muje mere hone wale husband ke bre me pta chl gaya tha

Anonymous said...

guru ji apne muje shi rha dikhe h.

Amar said...

Yeah to bhut hi aacha h

Anonymous said...

Guru Ji ko Parnam Apke wasa se Muje mere wife ka pta chla
Apke hr cheze 100% h

Anonymous said...

Nice update sir

Amit Kumar said...

Very nice information

Kavita Sheety said...

Mere Bf ke bare me apne sb theek bhtya tha
Apko dil se dhaynewad

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